सत्ता की हनक : थानेदार पर भारी, मेयर अशोक तिवारी !

शराब की दुकान के सामने गाड़ियों से लगा था जाम, एडीसीपी ने दिया था कार्यवाही का निर्देश, मगर कार्यवाही पर नप गयें कैंट इंस्पेक्टर अरविंद सरोज

~ शराब की दुकान के सामने गाड़ियों से लगा जाम देख एडीसीपी वरुणा ने की कार्यवाही

~ थाने से पुलिस बल बुलाकर दिया था कार्यवाही का निर्देश

~ मगर कार्यवाही पर नप गयें कैंट इंस्पेक्टर अरविंद सरोज

आलोचक नीरज सिंह

वाराणसी। पुलिस पर सत्ताधारी नेताओं की हनक कितनी चलती है। इसकी बानगी पिछले दिनों देखने को मिली। जानकारी अनुसार वरुणापुल स्थित शराब की दुकान के बाहर खड़े दर्जनों चार पहिया वाहन से जाम लग रहा था। उधर से गुजर रहे एडीसीपी वरुणा ने मौके पर पहुंच कर सभी गाड़ियों को कैंट थाने भेज दिया।

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Varanasi: सड़क बना था मयखाना, ADCP ने पहुंचाया थाना…

उन्ही सब गाड़ियों में एक गाड़ी ऐसी थी जिसका चालक पुलिस की कार्यवाही देखकर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। उस वक्त कुछ देर बाद एक दूसरी कार चालक अपने मालिक को ले आया। उसने थाना प्रभारी अरविंद सरोज से गाड़ी छोड़ने की बात की। जिसपर थाना प्रभारी ने एडीसीपी वरुणा के निर्देश का हवाला देते हुए कार को थाने ले जाने की बात कही। जैसा कि एडीसीपी का आदेश था कि सारी गाड़ियां थाने पर ले जाकर गाड़ियों का चालान करे और उसकी रिपोर्ट हमे भेजें।

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इस पर उस व्यक्ति ने किसी से ये बात कही और थाना प्रभारी के मोबाइल पर एक कॉल आया जिसने अपने को वाराणसी का मेयर बताते हुए गाड़ी छोड़ने की बात कही। जिसपर थाना प्रभारी ने उन्होंने एडीसीपी का हवाला देते हुए उनसे बात करने की बात कही तो मेयर साहब आग बबूला हो गए। प्रभारी इंस्पेक्टर कैण्ट ने इनोवा मालिक से कहा कि ड्राइवर को 5 मिनट के लिए थाने भेज दीजिए, एक मामूली सा चालान करके छोड़ दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार इस बात से नाराज मेयर पहुंच गए पुलिस कमिश्नर के पास और उनकी शिकायत पर थाना प्रभारी को फौरन थाना कैण्ट से हटाकर डीसीपी आफिस से अटैच कर दिया और रात को रवानगी भी करा दी गई। देखा जाय तो इसमें थाना प्रभारी की मात्र यही गलती नजर आ रही थी कि वह अपने अधिकारी के आदेश का पालन कर रहे थें। और आदेश का पालन करना ही उनके लिए गुनाह हो गया। और सत्ता की हनक का शिकार हो गयें। वहीं मेयर अशोक तिवारी का बयान था कि थानेदार ने उनके साथ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था। जबकि वहां मौजूद स्थानीय लोगों व पत्रकारों ने बताया कि थाना प्रभारी ने उनसे सिर्फ इतना कहा कि एडीसीपी वरुणा महोदय ने कार्यवाही की है इसमे मैं कुछ भी करने में असमर्थ हूँ, और कार चालक से सिर्फ 5 मिनट के लिए थाने आने का आग्रह किया।

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कमिश्नर मोहित अग्रवाल का कहना है कि “जनप्रतिनिधि हो या आम जनता किसी के साथ असंसदीय भाषा का प्रयोग और दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को माफ नही किया जाएगा।” इस कार्यवाही के बारे में जब एडीसीपी वरुणा सरवरन टी व डीसीपी वरुणा चंद्रकांत मीणा से पूछा गया तो बस गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए, जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी कैण्ट अरविंद सरोज ने किसी तरह की कोई ऐसी बात नहीं बोली जिससे किसी को बुरा लगे, ये तो बस मेयर ने अपनी प्रतिष्ठा फंसा कर कारवाही के लिए पुलिस कमिश्नर के पास पहुंच गए, लेकिन कार्यवाही से पहले हकीकत जानना भी है बहुत जरूरी होता है, खैर बात सत्ता पक्ष की हो तो अभी नियम कानून ताक पर रख दिया जाता है।

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