उत्तर प्रदेश के 65 हजार प्राइमरी स्कूल बनेंगे ‘आदर्श विद्यालय’, 5 साल में होगा कायाकल्प
मो० आरिफ़ अंसारी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्राइमरी शिक्षा में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश के 65 हजार प्राथमिक विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश की स्कूली शिक्षा को आधुनिक और बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारना और बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है। पांच वर्षों में इन विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों को आधुनिक और आदर्श बनाने के लिए स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, छात्रों को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं दी जाएंगी, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लर्निंग की व्यवस्था होगी। शिक्षकों के प्रशिक्षण और क्षमता विकास पर जोर देते हुए खेल-कूद व सह-शैक्षिक गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
इस योजना को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षा को समग्र, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाना है। आदर्श विद्यालय योजना के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव स्कूली शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को एक ऐसा माहौल मिलेगा, जिसमें वे आत्मविश्वास और नवाचार के साथ सीख सकें।