
नीरज सिंह, वाराणसी
~ अयोध्या राम वनगमन रामपथ के तर्ज़ पर काशी पंचक्रोशी परिक्रमा पथ बने
~ धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी परिक्रमा पथ को मूल स्थान पर पथ की बहाली की मांग को लेकर बैठक
~ बोले ग्रामीण, प्रशासनिक लापरवाही के चलते अतिक्रमण के कारण मूल पथ छोड़कर अन्य मार्ग से धार्मिक यात्राएं हो रही है
📍 वाराणसी/राजातालाब
वाराणसी । धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से जुड़े काशी पंचक्रोशी परिक्रमा पथ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राजातालाब वाया जक्खिनी-तिलंगा मार्ग को पंचक्रोशी मार्ग मानते हुए फोरलेन चौड़ीकरण के प्रस्ताव का ग्रामीणों ने विरोध किया है।
गुरुवार को भीमचंडी स्थित दैत्रा वीर बाबा मंदिर में आयोजित एक बैठक में आसपास के गाँवों—बंगालीपुर, असवारी, रानी बाजार, कचनार आदि के व्यापारियों और किसानों ने इस निर्णय को जनविरोधी बताते हुए कहा कि बिना अभिलेखीय और भौतिक सत्यापन के इस क्षेत्र की कीमती कृषि और व्यावसायिक भूमि को पंचक्रोशी पथ घोषित कर चौड़ीकरण के नाम पर कब्जे में लेने की साजिश की जा रही है।
🗣️ग्रामीणों का आरोप: मूल मार्ग से भटका प्रशासन, बिना जांच के हो रहा भूमि चयन
बैठक की अध्यक्षता कर रहे पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार गुप्ता ने कहा:
“प्रशासन की लापरवाही और भूमाफियाओं की मिलीभगत से पंचक्रोशी मार्ग अपने मूल पथ को छोड़कर राजातालाब वाया जक्खिनी-तिलंगा मार्ग पर स्थानांतरित कर दिया गया है।“
उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने बिना किसी अभिलेखीय व सत्यापन के इस मार्ग को पंचक्रोशी मार्ग मानकर चौड़ीकरण की योजना बना ली है, जिससे सैकड़ों मकान, दुकानें और फसलें प्रभावित होंगी।
मूल मार्ग की बहाली और मुआवजे की मांग
ग्रामीणों ने मांग की कि पंचक्रोशी मार्ग को भीमचंडी, बंगालीपुर, कचनार, मेहंदीगंज गांव की सीमा से होते हुए जनसा मार्ग में जोड़ा जाए, जो इसका मूल पथ रहा है। इसके अलावा जिनकी भूमि, दुकानें या मकान प्रभावित हो रहे हैं, उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास की भी मांग की गई।
मांगें पूरी न हुईं तो होगा आंदोलन की चेतावनी
बैठक में यह स्पष्ट चेतावनी दी गई कि यदि प्रशासन ने पंचक्रोशी मार्ग को मूल पथ पर वापस नहीं लाया और प्रभावितों को न्याय नहीं दिया, तो वृहद आंदोलन छेड़ा जाएगा।
राजकुमार गुप्ता ने कहा:
“अयोध्या में राम वनगमन पथ का पुनर्निर्माण शोध के आधार पर किया जा रहा है, तो काशी जैसे धर्मनगरी में पंचक्रोशी मार्ग की भी ऐतिहासिक सटीकता से पुनर्स्थापना होनी चाहिए।“
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
राजकुमार गुप्ता, कन्हैया लाल जायसवाल, विरेंद्र उर्फ बबलू पाल, श्रीनाथ गुप्त, अनिल पटेल, उमा शंकर मिश्र, राधेश्याम गिरी, हिमांशु गोस्वामी, अवधेश गिरी, विजय कुमार सहित सैकड़ों ग्रामीण बैठक में शामिल रहे।