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गोलीकांड में नाम उछालने पर भड़के पूर्व प्रधान, बोले– साजिशन फंसाया जा रहा, मेदांता में थे बीमार पिता के साथ

बिना जांच, बिना सबूत, पूर्व प्रधान पर फायरिंग में फंसाने का आरोप, घटना से कोई लेना-देना नहीं- वीरेंद्र यादव

ख़बर ग़ाज़ीपुर: आकाश पाण्डेय

 

सैदपुर (गाजीपुर)। कूढ़ालंबी गांव में 30 जून को हुई गोलीकांड की गूंज अब मुख्यमंत्री तक पहुंच गई है। फायरिंग में घायल हुए विश्वजीत सिंह ने पूर्व ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव उर्फ मुन्ना पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है और कठोर कार्रवाई की मांग की है।

लेकिन इस पूरे घटनाक्रम पर पूर्व ग्राम प्रधान ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे उनके खिलाफ रची गई राजनीतिक साजिश बताया है। उन्होंने दावा किया कि घटना के समय वे अपने अस्वस्थ पिता के इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में थे। यहां तक कि उन्होंने पुलिस को अपना लाइव लोकेशन भी सौंप दिया है।

 

वीरेंद्र यादव ने स्पष्ट किया कि यह पूरा मामला उन्हें आगामी पंचायत चुनावों से पूर्व दबाव में लेने और पुरानी रंजिश का नतीजा है। उन्होंने 2014 में हुए मनीष यादव की हत्या से जुड़े मामले का हवाला देते हुए बताया कि उस केस में वह गवाह हैं और उनका अदालत में बयान भी दर्ज हो चुका है।

पूर्व प्रधान का कहना है कि 2014 में मनीष यादव को खुद उन्होंने अस्पताल पहुंचाया था, जिसके संबंध में वह आज भी गवाही देने को तैयार हैं। अब उसी केस में जल्द फैसला आने वाला है, और इसी दबाव में उन्हें बेवजह गोलीकांड से जोड़ा जा रहा है।

गाजीपुर के कूढ़ालंबी गांव में चाचा-भतीजे पर 30 जून को हुई थी ताबड़तोड़ फायरिंग, गंभीर रूप से घायल

गाजीपुर के सैदपुर तहसील अंतर्गत कूढ़ालंबी गांव में बाइक सवार बदमाशों ने सैलून से बाहर निकलते ही चाचा-भतीजे पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। घटना में त्रिवेणी सिंह (55) और उनका भतीजा विश्वजीत सिंह उर्फ राजन (30) गंभीर रूप से घायल हो गए। विश्वजीत को तीन गोलियां लगीं, जबकि त्रिवेणी को हाथ में गोली लगी।

घटना के बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां से विश्वजीत को BHU ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। पुलिस के अनुसार, यह हमला 11 साल पुरानी रंजिश का परिणाम हो सकता है।

इस मामले में पुलिस की माने तो 30 जून को हुई फायरिंग के मामले में अब तक एक नामजद आरोपी अविनाश यादव समेत तीन को जेल भेजा जा चुका है, जबकि वीरेंद्र यादव की तलाश की जा रही है।

थानाध्यक्ष खानपुर शैलेंद्र सिंह ने बताया कि केस में दो नामजद और दो अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है और जांच जारी है।

इस पूरे घटनाक्रम ने गांव में तनाव का माहौल बना दिया है, जहां एक ओर पीड़ित पक्ष न्याय की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर पूर्व प्रधान खुद को निर्दोष बताकर राजनीतिक साजिश का शिकार बता रहे हैं।

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