चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों ने किया काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन, मंदिर को भेंट किए दो मॉडल
अजय त्रिपाठी, वाराणसी

वाराणसी — इसरो के चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े 16 वैज्ञानिकों का दल शनिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा और भगवान विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया। प्रतिनिधिमंडल ने मंदिर को चंद्रयान के दो मॉडल भेंट किए, जिन्हें जल्द बनने वाले विश्वनाथ संग्रहालय में रखा जाएगा।
वैज्ञानिकों ने मुक्तेश्वर धाम में जल चढ़ाने सहित विभिन्न अनुष्ठान भी संपन्न किए। मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि “सनातन धर्म में आधुनिक आविष्कारों और खोजों का हमेशा सम्मान किया जाता है। चंद्रमा का भगवान विश्वनाथ से विशेष संबंध है, क्योंकि वे इसे अपने सिर पर धारण करते हैं।”
मिश्र ने कहा कि यह यात्रा परंपरा और विज्ञान के गहरे संबंध को दर्शाती है। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता — 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग — के बाद यह दल भगवान विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने आया था।
इस दल में मानव अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक दिनेश कुमार सिंह, मुख्य नियंत्रण सुविधा के निदेशक पंकज किलेदार, यूआर राव उपग्रह केंद्र के सह निदेशक आर. नादगौड़ा, द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र के उप निदेशक के. शंभय्या, गुरु मूर्ति डी समेत कई वरिष्ठ वैज्ञानिक शामिल थे।
भारत, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला और विश्व का चौथा देश बना था। इस उपलब्धि के सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया, जिसका विषय था — “चंद्रमा को छूते हुए जीवन को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा”।