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चंद्र ग्रहण: 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, 12:57 बजे से शुरू होगा सूतक काल, क्या करें, क्या न करें

माधवी मिश्रा

वाराणसी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर रविवार 7 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि में होगा।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण स्पर्श रात 9:57 बजे, मध्य 11:41 बजे और मोक्ष 8 सितंबर की रात 1:27 बजे होगा। इस दौरान मंदिरों के पट दोपहर 12 बजे से बंद कर दिए जाएंगे और अगले दिन प्रातः 6 बजे मंगला आरती के बाद पुनः खुलेंगे।

 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में भोजन, मूर्ति स्पर्श और घर से बाहर निकलना वर्जित है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए। खाने-पीने की वस्तुओं में तुलसी या कुशा डालने की परंपरा है। वहीं इस समय भक्तों को गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र, हरि कीर्तन और गीता-रामायण पाठ करने की सलाह दी जाती है। ग्रहण की समाप्ति के बाद गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है।

क्या न करें

(1) मंदिर बंद रखे (प्रवेश न करें)
(2) भगवान (मूर्ति) को स्पर्श न ।
(3) भोजन आदि न करें।
(4) सब्ज़ी या अन्य वस्तु को न काटे।
(5) गर्भवती महिला घर से बाहर न निकले और पेट को गाय के गोबर से गोठ ले ग्रहण काल में कुछ खाना पीना मना है ।

क्या करें

(1) खाने पीने की वस्तु में कुशा या तुलसी के पत्ते डाल कर रखे।
(2) गुरु मंत्र का जप करें अगर मंत्र नहीं लिया है तो गायत्री मंत्र जप करें।
(3) हरि कीर्तन या गीता-रामायण जी का पाठ सब लोग कर सकते हैं |
(4) यदि संभव हो ग्रहण आरम्भ के समय और मोक्ष के बाद गंगा स्नान करें।

बालक, वृद्ध और रोगी के लिए कोई नियम नही है.

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