“जब बेटियां बनीं बॉक्सर और फाइटर… आत्मरक्षा शिविर में सीखा खुद को मजबूत बनाना”
आत्मरक्षा शिविर में बालिकाओं ने सीखा ताइक्वांडो, मार्शल आर्ट और बॉक्सिंग का हुनर, आत्मरक्षा के साथ करियर की भी दिखी राह

रिपोर्ट: आकाश पाण्डेय।
सैदपुर, गाज़ीपुर।“बेटियां अब खुद की रक्षा करने में किसी पर निर्भर नहीं रहेंगी” — इस सोच को हकीकत में बदलता नज़र आया गौतम स्पोर्ट्स अकादमी, गैबीपुर, जहां गुरुवार को आयोजित आत्मरक्षा शिविर में वाराणसी के भंदहांकला स्थित आशा अध्ययन केंद्र की 40 बालिकाओं समेत स्थानीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। शिविर में ताइक्वांडो, क्वान की डो, मार्शल आर्ट और बॉक्सिंग जैसे आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए।
कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य जिला प्रबंधक रणवीर पांडेय ने प्रतिभागी बालिकाओं से परिचय प्राप्त कर किया। अकादमी के प्रशिक्षकों ने पूरे जोश और अनुशासन के साथ बच्चियों को आत्मरक्षा के व्यावहारिक तरीके सिखाए।
गौतम स्पोर्ट्स अकादमी के प्रबंध निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि “आज के दौर में हर बालिका को आत्मरक्षा के हुनर में पारंगत होना चाहिए। ये प्रशिक्षण न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि खेल के ज़रिए वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर तक भी पहुँच सकती हैं।”
आशा ट्रस्ट के संस्थापक बल्लभाचार्य ने अकादमी के प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि “यहाँ के खिलाड़ी जल्द ही एशियन गेम्स और ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर भारत का नाम रोशन करेंगे।”
शिविर में प्रशिक्षण देने वाले प्रमुख कोचों में बॉक्सिंग कोच जयहिंद यादव, ताइक्वांडो कोच विशाल कुमार, विपुज कुशवाहा, खुशी मोदनवाल, और अल्का मौर्या शामिल रहीं।
इस अवसर पर गौतम सेवा फाउंडेशन की अध्यक्ष उमा सिंह, कोषाध्यक्ष प्रिया सिंह और आशा ट्रस्ट के कार्यकर्ता सौरभ चंद्र, प्रदीप सिंह, दीन दयाल सिंह, व ज्योति सिंह उपस्थित रहे। अंत में सभी प्रतिभागियों ने मां गंगा की स्वच्छता व आत्मरक्षा को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की शपथ भी ली।