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जेल से रिहा होकर गरजे ‘बनारस वाले मिश्रा जी’, समर्थकों में खुशी की लहर, बोले – संघर्ष और तेज होगा”

 

~ जेल से रिहा होकर गरजे समाजवादी नेता मिश्रा जी, कार्यकर्ताओं में दौड़ी खुशी की लहर

~ जिला जेल के बाहर समर्थकों का उमड़ा सैलाब, “हर हर महादेव” के नारों से गूंज उठा वातावरण

 

वाराणसी। समाजवादी पार्टी के नेता और वाराणसी में लोकप्रिय चेहरा हरीश मिश्रा उर्फ ‘बनारस वाले मिश्रा जी’ को आज वाराणसी जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई की खबर मिलते ही सैकड़ों की संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता जिला जेल के बाहर जुटने लगे। जैसे ही मिश्रा जी बाहर आए, कार्यकर्ताओं ने ‘हर हर महादेव’ और ‘समाजवाद जिंदाबाद’ के नारों से उनका स्वागत किया।

समर्थकों व कार्यकर्ताओं ने मिश्रा जी का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया और खुशी से नाचते-गाते उन्हें कंधे पर उठाया। जेल से निकलते ही मिश्रा जी का चेहरा आत्मविश्वास और संघर्ष की चमक से दमक रहा था।

बता दें कि समाजवादी नेता हरीश मिश्रा उर्फ बनारस वाले मिश्रा जी को हाल ही में 12 अप्रैल को करणी सेना से जुड़े कुछ लोगों के साथ हुए विवाद के बाद 14 अप्रैल को जेल भेजा गया था। मिश्रा जी पर आरोप लगाया गया कि कुछ लोग जो कि करणी सेना के बताए जाते हैं उनके घर और हमला कर दिया, जिससे उनके समर्थकों के साथ हुए टकराव के दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया। मिश्रा जी और उनके समर्थकों का आरोप है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक दबाव में और अन्यायपूर्ण तरीके से की गई थी, ताकि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाया जा सके। हालांकि, मिश्रा जी ने जेल से बाहर निकलते ही दोहराया कि वे अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और किसी भी साजिश से डरने वाले नहीं हैं।

“अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष मेरी पहचान” : मिश्रा जी

मीडिया से बात करते हुए मिश्रा जी ने कहा कि उन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और जेल की सलाखें उनके हौसले को तोड़ नहीं सकतीं। उन्होंने कहा: “हमारी लड़ाई PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की अस्मिता और स्वाभिमान की लड़ाई है। यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक समाज के हर वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता।”

मिश्रा जी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विशेष धन्यवाद दिया और कहा कि वे हमेशा उनके विचारों के प्रति समर्पित रहेंगे।

करणी सेना पर गंभीर आरोप, प्रशासन पर उठाए सवाल

हरीश मिश्रा ने करणी सेना के कुछ सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके घर पर हमला किया था, करणी सेना के कुछ चंद गुंडे जिला प्रशासन की मिलीभगत से हमें फर्जी मुकदमों में फंसा कर जेल भिजवाते हैं। लेकिन हम डरने वाले नहीं, लड़ने वाले लोग हैं। हमें जितनी बार जेल भेजोगे, हम उतनी ही ताकत से वापसी करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में इस तरह का हमला निंदनीय है और इसका लोकतांत्रिक तरीके से कड़ा मुकाबला किया जाएगा।

दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों की आवाज बने रहेंगे मिश्रा जी

अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मिश्रा जी ने दोहराया: “हम दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आवाज हैं। जब तक हमारे समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। चाहे हमें एक बार नहीं, हजार बार जेल भेजा जाए, हम हर बार संघर्ष करते रहेंगे।”

जेल को बताया असली समाजवादी विश्वविद्यालय

जेल में अपने अनुभव को साझा करते हुए मिश्रा जी ने कहा कि “जेल में ना कोई जाति थी, ना कोई ऊंच-नीच। वहां अमीर-गरीब सब एक साथ खाते-पीते और सोते थे। वहीं असली समाजवाद को मैंने देखा और महसूस किया। जिला कारागार ही असली समाजवादी मुख्यालय था।”

“लाल टोपी हमारी पहचान, संघर्ष का प्रतीक”

मिश्रा जी ने समाजवादी पार्टी की लाल टोपी का उल्लेख करते हुए कहा: “यह टोपी करियरवादियों के लिए नहीं, संघर्ष करने वालों के लिए है। यह उन लोगों के सिर पर सजती है जो अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं, न कि डर कर झुकने वालों के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि हर चौराहे पर वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे और समाजवादी आंदोलन को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।

वाराणसी पुलिस पर भी उठाया सवाल, बताया जान का खतरा

मिश्रा जी ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि “मुझे अपराधियों से उतना डर नहीं लगता, जितना पुलिस की भूमिका से डर लगता है। मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराने में पुलिस की मिलीभगत भी हो सकती है। मुझे लगता है कि मेरी जान को सबसे बड़ा खतरा पुलिस से ही है।”

उन्होंने कहा कि न्याय के लिए अगर लड़ते-लड़ते उन्हें फिर से जेल जाना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगे।

जेल से निकलने के बाद भी दहाड़ रहे बनारस वाले मिश्रा जी

जितनी बार हमला करोंगे इतनी बार समाजवादी साथी आगे डटकर लड़ेगा कोई भी कायर डरपोकों हम झुंड में आकर हमला नहीं करते और जिसने भी कोशिश की हमला उसको मुकम्मल जमीन चाटने का अवसर हम समाजवादियों ने दिया है

मिश्रा जी ने बताया कि हमारे शरीर में मशीन लगा दो एक भी डर दिखेगा हम राजनीति करना छोड़ देंगे मेरे नेता का नाम अखिलेश यादव है लाल टोपी है यह लाल टोपी संघर्ष का टोपी है काय के सर पर नहीं बल्कि क्रांतिकारियों के सर पर टोपी होती है।

मिश्रा जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हर चौराहे पर इंतजार करता मिलूंगा बार-बार लडूंगा हर बार तोडूंगा मुझे लगता है मेरे ऊपर हमले कहीं ना कहीं यह जो लोकल यूनिट है पुलिस की हमको अंतरआत्मा कहती है जिस तरीके से हमारे साथ अन्याय करते हुए मुकदमा दर्ज किया इनकी भी सहभागिता हो सकती है अपराधियों से तो कम डर है मेरे जान को मुझे लगता है पुलिस ही मेरी दुश्मन बनी हुई है!

बनारस वाले मिश्रा जी की जेल से वापसी ने समाजवादी कार्यकर्ताओं के बीच एक नई ऊर्जा और संघर्ष का संकल्प भर दिया है। उन्होंने अपने शब्दों और संघर्ष के जज्बे से यह संदेश साफ कर दिया कि समाजवाद की लड़ाई अब और तेज होगी, और अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज पहले से भी बुलंद होगी।

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