डिजिटल महाकुंभ: महाकुंभ की अभेद्य सुरक्षा और अत्याधुनिक तकनीकी इंतजाम
नीरज सिंह, वाराणसी
~ तकनीक बनी हथियार, 2,750 एआई सीसीटीवी संदिग्ध गतिविधियों पर रख रहे नजर
~ महाकुम्भ की सुरक्षा को बनाए गए 123 वॉच टावर, तैनात हुए स्नाइपर
~ 51 हजार पुलिस कर्मियों में डाला महाकुम्भ में डेरा, चप्पे-चप्पे पर नजर
~ महाकुम्भ में खुले 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट
~ महाकुम्भ में वीआईपी घाट और धार्मिक स्थलों की बढ़ाई गई सुरक्षा
कुम्भनगरी, प्रयागराज। महाकुंभ नगर में दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन के साथ सुरक्षा को लेकर प्रबंधन ने अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। इस बार सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित सीसीटीवी कैमरे प्रमुख हैं। इन कैमरों को मेले के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है, जो संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखेंगे और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल रिपोर्ट कंट्रोल रूम को भेजेंगे।
सुरक्षा में एआई तकनीक का उपयोग
महाकुंभ के इस वर्ष के आयोजन में 2700 से ज्यादा एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे महाकुंभ नगर के प्रत्येक हिस्से पर निगरानी रखेंगे और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना कंट्रोल रूम को तुरंत देंगे। इस तकनीकी पहल से सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से निपटा जा सके। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस निगरानी को एक प्रभावी उपाय मान रही हैं, जिससे मेले के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सुरक्षा के लिए तैनात की गई 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड
महाकुंभ मेले में सुरक्षा को लेकर एहतियात के तौर पर 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, मेले के दौरान न सिर्फ स्थानीय पुलिस, बल्कि एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड), एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और अन्य खुफिया सुरक्षा एजेंसियां भी सुरक्षा के इंतजामों में शामिल हैं। इन सभी सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो और हर व्यक्ति सुरक्षित रूप से अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सके।
वॉच टावरों से सुरक्षा घेरा
महाकुंभ की सुरक्षा में एक और महत्वपूर्ण कदम वॉच टावरों की तैनाती है। पूरे मेला क्षेत्र में अब तक 123 वॉच टावर बनाए गए हैं, जिनमें स्नाइपर, एनएसजी, एटीएस और सिविल पुलिस के जवान तैनात हैं। इन वॉच टावरों को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि इनसे दूरबीन की मदद से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। इन टावरों पर अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी लगातार निगरानी रखेंगे। इन टावरों को रणनीतिक स्थानों पर स्थापित किया गया है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।
स्नानार्थियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा
महाकुंभ के आयोजन में देश-विदेश से करीब 45 करोड़ श्रद्धालु, स्नानार्थी, कल्पवासी और पर्यटक पहुंचने की संभावना है। इन लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता रही है। महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, और खासतौर पर श्रद्धालुओं के प्रवेश के सात प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। हर जोन और सेक्टर में वॉच टावरों की तैनाती की गई है, जिससे मेले के सभी हिस्सों पर नजर रखी जा सके।
संवेदनशील स्थानों पर कड़ी सुरक्षा
महाकुंभ में कुछ संवेदनशील स्थानों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इनमें अखाड़ा क्षेत्र, बड़े हनुमान मंदिर, परेड मैदान, वीआईपी घाट, अरैल, झूसी और सलोरी जैसे स्थान शामिल हैं। इन स्थानों पर विशेष वॉच टावर बनाए गए हैं, जहां अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इन इलाकों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो।
अत्याधुनिक तकनीकी इंतजाम
महाकुंभ की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने के लिए कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है:
- 2,750 AI आधारित सीसीटीवी कैमरे: ये कैमरे पूरे मेला क्षेत्र में तैनात किए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रखते हैं और संदिग्ध घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट भेजते हैं।
- 80 VMD स्क्रीन: इन स्क्रीन के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियां मेले की हर गतिविधि पर लगातार नजर रख सकती हैं।
- जल पुलिस और फायर सुरक्षा: मेले में 3 जल पुलिस स्टेशन और 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट बनाए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
- 4,300 फायर हाइड्रेंट्स: इन हाइड्रेंट्स को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है, जिससे आग लगने पर तुरंत जलाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
महाकुंभ का आयोजन एक विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार की सुरक्षा व्यवस्था में आधुनिक तकनीक और कड़ी चौकसी से इसे और भी सुरक्षित बनाया गया है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित वातावरण में अपनी धार्मिक कृत्य संपन्न करने का अवसर मिले।