डेनमार्क से आए 60 छात्रों ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर का किया शैक्षणिक भ्रमण
मो० आरिफ़ अंसारी
डेनमार्क से आए विदेशी छात्रों का नागेपुर में जोरदार स्वागत, आदर्श गांव का देखा विकास
डेनमार्क के हसेरिस जिमनैजियम कॉलेज से आये 60 सदस्यों का दल पहुंचा आदर्श गांव नागेपुर
विदेशी छात्रों ने ग्रामवासियों संग पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
वाराणसी के मिर्जामुराद क्षेत्र स्थित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम नागेपुर ने रविवार को डेनमार्क से आए 60 छात्रों और शिक्षकों का स्वागत किया। यह दल हसेरिस जिमनैजियम कॉलेज से शैक्षणिक यात्रा पर भारत आया था। लोक समिति आश्रम में आयोजित इस कार्यक्रम में ग्राम प्रधान मुकेश कुमार और लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर ने विदेशी मेहमानों का रुद्राक्ष की माला, अंगवस्त्र और तिलक लगाकर पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।
छात्रों ने लोक समिति द्वारा संचालित सामाजिक और शैक्षणिक कार्यों का गहराई से अवलोकन किया। उन्होंने नागेपुर में आशा सामाजिक विद्यालय, नंदघर, कृषक प्रशिक्षण केंद्र, यात्री प्रतीक्षालय, अम्बेडकर पार्क और ग्रामीण क्षेत्र में बने इज्जतघर (शौचालय) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव की महिलाओं, लड़कियों और युवाओं से बातचीत की और उनकी शिक्षा और सामाजिक स्थिति को लेकर अनुभव साझा किए।
गांव की लड़कियों ने जब बताया कि वे कम उम्र में शादी नहीं करना चाहतीं और अपनी पढ़ाई पूरी कर आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं, तो यह सुनकर विदेशी छात्रों और शिक्षकों ने उनकी सोच की सराहना की।
लोक समिति आश्रम में बेहतर शिक्षा व्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई। वक्ताओं ने जल संकट और ग्लोबल वार्मिंग पर चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान विदेशी मेहमानों ने ग्रामीणों के साथ पौधरोपण किया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
डेनमार्क के प्रोफेसर ओले द्रुब, लिसे, अन्ने मेजिन और जेन क्रिस्टेन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आधुनिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण और संस्कृति का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में ग्राम प्रधान मुकेश कुमार, नंदन उपाध्याय, राजन, सोनी, अनीता, मनीषा, अवनीश, शिवकुमार, रामबचन, श्यामसुंदर मास्टर, सुनील, आशीष, विद्या, शमा बानो, मंजीता, ज्योति, सीमा और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन नंदन उपाध्याय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर ने दिया।
यह शैक्षणिक भ्रमण न केवल ग्रामीण भारत की सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था को समझने का माध्यम बना, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता का भी संदेश लेकर आया। ग्रामीणों और विदेशी मेहमानों के बीच अनुभवों का यह आदान-प्रदान भविष्य में आपसी सहयोग और बेहतर समाज निर्माण की दिशा में प्रेरणा बनेगा।