दबंग ने चकरोड व नाली पर किया कब्ज़ा, पड़ोसी ने मना किया तो तोड़ दी हाथ, चोलापुर पुलिस ने पीड़ित पर ही कर किया मुकदमा
मो० आरिफ अंसारी
वाराणसी। कमिश्नरेट वाराणसी में आज कल पुलिस नए-नए कारनामे कर रही है, इसी कड़ी में एक कारनामा और जुड़ गया है चोलापुर पुलिस का, जहां पीढ़ित का आरोप है कि दबंग द्वारा सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर निर्माण कराए जाने का विरोध करने पर मारपीट करने वालों ने पीड़ित पर ही चंदापुर चौकी प्रभारी चोलापुर थानाध्यक्ष से सांठ-गांठ करके मुकदमा करा दिया।
मारपीट के मामले में दो पक्षों के विवाद में पीढ़ित पक्ष पर मुकदमा कर एक पक्षीय कार्यवाही कर दी। तहरीर देने के पर नहीं लिखा गया कोई मुकदमा, जब पीढ़ित पक्ष ने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई तब पीढ़ित ने दिया पुनः तहरीर तो तहरीर बदलवाने का थाना प्रभारी ईश्वर दयाल दुबे ने बनाया दबाव।
जानिए क्या है विवाद का पूरा मामला
बात दे कि सत्यनारायण पटेल जो कि ग्राम पंचायत नवापुर (लखराव) चोलापुर, वाराणसी के मूल निवासी हैं। जिनके घर से सटे लालमन एक प्लॉट का निर्माण करा रहे हैं, जो नवापुरा, चोलापुर के निवासी हैं। इस प्लॉट निर्माण में सरकारी जमीन का चकरोड (113) व नाली (114) कब्जा करने के लिए बालू-गिट्टी व ईंटा गिराकर और अंधेरा होने पर रात्रि 11:00 बजे काम चालू करवाया, जिस पर पड़ोसी सत्यनारायण मना करने गए तो विपक्षी लालमन कुछ लोगों के साथ गाली-गलौज करते ललकारते हुए हमलावर हो गए और अपने लोगों को लेकर मारने की नीयत से घर मे घुस गए जिसमे व खुद लालमन पुत्र स्व० कालीचरण पटेल, प्रेमचंद पुत्र स्वर्गीय रामजी, मूलचंद पुत्र स्व० राम जी अन्य 2-3 अज्ञात लोगों के साथ लाठी-डंडे व रॉड लेकर घर मे घुस कर हमारे पूरे परिवार को मारने पीटने और गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देते हुए मारपीट करते रहे, उसमे से कोई एक व्यक्ति ने पीढ़ित के गमछे से गला दबाने का प्रयास करने लगा, जिसे देख पीढ़ित के भाई व घर की महिलाएं मनबढ़ों से भिड़ गए और किसी तरह छुड़ाया। मनबढ़ों ने जान से मारने और देख लेने की धमकी देते हुए बाहर निकले। इस मारपीट में सत्यनारायण पटेल के हाथ मे फ्रैक्चर हो गया।
चंदापुर चौकी प्रभारी का संवेदनहीन कृत्य
सूचना पर पहुंची चंदापुर पुलिस ने दोनों पक्ष को थाने लाकर एक पक्ष पर कार्यवाही करते हुए सत्यनारायण पटेल को लॉकअप में डाल दिया, जबकि दर्द से कराह रहे व्यक्ति को न तो दवा दिलाई न ही परिजनों से मिलने दिया। आधीरात को दर्द से कराह रहे सत्यनारायण पटेल ने चौकी प्रभारी चंदापुर प्रशांत पाण्डेय से दवा के लिए आग्रह किया तो बड़ी बेशर्मी से चंदापुर चौकी प्रभारी ने कहा कि तुमसे बहुत नाराज हु तुम्हे दवा नहीं मिलेगी। जगह दूसरे दिन शांति भंग की कार्यवाही करते हुए मेडिकल को भेजा गया जहाँ एक्सरे में फ्रेक्चर बताया गया तो तब जाकर पीड़ित को दर्द का इंजेक्शन लगाया गया व दवा मिला, अब सवाल ये होता है कि दर्द से कराह रहे व्यक्ति को न तो पुलिस ने दवा दिलाई और ना ही परिजनों को देने दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या चौलापुर थाना 90 के दशक की पुलिसिंग कर रही है, कि जो मर्जी होगा वही करेंगे??
दबंगों से इतने प्रभावित क्यों हैं थाना प्रभारी??
इस पूरे प्रकरण में चंदापुर चौकी प्रभारी प्रशांत पाण्डेय व थाना प्रभारी चौलापुर ईश्वर दयाल दुबे की भूमिका संदिग्ध है। जहाँ पुलिस द्वारा बार-बार पीढ़ित की कहा जा रहा है कि उनलोगों ने घर मे घुस कर मारा तो क्या स्थानीय पुलिस के जिम्मेदार व होनहार लोग ये बताएंगे कि जब विवाद निर्माण कार्य कराने को लेकर था तो वह किसी का घर कैसे हो गया, जबकि निर्माण कार्य शुरू होने पर ही विवाद हो गया।
बार बार थाना चौलापुर थाना प्रभारी एक ही बात कह रहे हैं कि सत्यनारायण पटेल ने उनके घर मे घुसकर मारपीट की, और किसी कारण वश उनको चोट लग गई। अब यह दलील समझ के बाहर है, कि दो पक्षों में मारपीट होती है और एक पक्ष को किसी कारण वश चोट लगती है और उनका हाथ टूट जाता है, और उसी टूटे हाथ में पीड़ित को 15-20 घंटे बिना दवा इलाज के लॉकअप में रखा जाता है।
वाराणसी पुलिस के आजकल कारनामें खूब चर्चा में हैं कहीं पुलिस वाले डकैती कर रहे हैं तो कहीं हवाला का करोड़ो रुपया डकार जा रहे हैं तो कही बलात्कार के आरोपी को चौकी दिया जा रहा है। इसी कड़ी में शामिल चौलापुर थाना प्रभारी भी है जिनके थाना मिलते ही सोशल मीडिया न्यूज़ पर इनके कारनामे वायरल होने लगा और अब इनका एक संवेदनहीन चेहरा सामने आया है जहां एक पक्ष में प्रभाव में आकर मारपीट के मामले में पीड़ित जिसका मारपीट में हाथ टूट गया था उसके बाद भी बिना दवा के बैठाए रहा, जहां रात भर पीढ़ित दर्द से कराहता रहा।