परशुराम के पदचिन्हों पर चलकर ही मिटेगा आतंकवाद: वाराणसी में काव्य महाकुंभ में गूंजा राष्ट्रवादी स्वर

रिपोर्ट: श्रुति सूर्यवंशी
वाराणसी। वाराणसी के तेलियाबाग स्थित अथर्व फैमिली सभागार में भगवान श्री परशुराम स्मृति काव्य महाकुंभ एवं सम्मान समारोह का आयोजन बड़े ही भव्य रूप में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में जुटे राष्ट्रवादी चिंतकों, कवियों और विद्वानों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आतंकवाद का सफाया करना है, तो भगवान परशुराम के पदचिन्हों पर चलना होगा।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि आतंकी मानसिकता से लड़ने के लिए देश को परशुराम जैसी संकल्पशक्ति की आवश्यकता है। जहां भी आतंकी पकड़े जाएं, उन्हें आम जनता के हवाले किया जाए और सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाए।
कार्यक्रम का संयोजन इंद्रजीत तिवारी ‘निर्भीक’ और सौरभ पांडेय ने किया, जबकि अध्यक्षता कुलाधिपति कवि सुखमंगल सिंह मंगल और उपकुलपति डॉ. महेंद्र तिवारी अलंकार ने की। मंच पर उपस्थित अतिथियों ने भगवान परशुराम को माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर देशभर से आए कवियों ने अपने ओजस्वी काव्य पाठ से श्रोताओं को झकझोर दिया, वहीं साहित्य, शिक्षा, कला और राष्ट्रसेवा से जुड़े लोगों को परशुराम स्मृति सम्मान से सम्मानित भी किया गया।
आयोजन में मौजूद वक्ताओं ने यह भी दोहराया कि अब समय आ गया है जब भारत को उसकी आध्यात्मिक और सैन्य शक्ति दोनों का एक साथ परिचय देना होगा—और यह तभी संभव है जब राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा परशुराम जैसे युगपुरुषों से ली जाए।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।