पांच दिन में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश- जखनियां तहसील में तहसीलदार देवेंद्र यादव की ईमानदार कार्यशैली से मचा हड़कंप
तहसील के वीआरसी ऑपरेटर ने तीन लेखपालों की ID से बनाए 9680 फर्जी प्रमाण पत्र, तहसीलदार ने किया बड़ा खुलासा, मुकदमा दर्ज

आकाश पाण्डेय, ब्यूरो चीफ, ग़ाज़ीपुर
सिर्फ एक हफ्ते में भ्रष्टाचार के खिलाफ दो बड़े एक्शन, पहले सैदपुर में 32 लाख के घोटाले का खुलासा, अब जखनियां में फर्जी प्रमाणपत्र घोटाले की पोल खोली
सैदपुर (गाजीपुर)। अगर अधिकारी ईमानदारी से काम करे तो किसी भी विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना असंभव नहीं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जखनियां के तेजतर्रार तहसीलदार देवेंद्र यादव ने। महज कुछ दिनों में ही उन्होंने तहसील में फैले भ्रष्टाचार के उस जाल को बेनकाब कर दिया है, जो वर्षों से लोगों के हक को निगल रहा था।
तहसीलदार देवेंद्र यादव ने जखनियां में तैनाती के कुछ ही दिनों बाद एक बड़ा घोटाला उजागर कर तहसील और जिले में खलबली मचा दी है। उन्होंने पाया कि वीआरसी ऑपरेटर कन्हैया राजभर, जो कि शादियाबाद थाना क्षेत्र के मनिहारी गांव का निवासी है, उसने तीन लेखपालों की लॉगिन आईडी का दुरुपयोग कर हजारों फर्जी प्रमाणपत्र जारी कर दिए थे।
जांच में सामने आया कि आरोपी ऑपरेटर ने 5849 आय प्रमाण पत्र, 1966 जाति प्रमाण पत्र और1865 निवास प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से जारी किए। कुल मिलाकर 9680 प्रमाणपत्रों की धोखाधड़ी की गई।
डीएम के निर्देश पर मुकदमा दर्ज
तहसीलदार ने इस पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी, जिनके निर्देश पर आरोपी के खिलाफ भुड़कुड़ा कोतवाली में विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज की गई है।
पहले भी किया था बड़ा खुलासा
देवेंद्र यादव इससे पहले सैदपुर तहसील में कार्यरत थे, जहां उन्होंने 32 लाख रुपये के चाय-पानी के नाम पर हुए गबन का पर्दाफाश किया था। इस घोटाले में लिपिक शकील अहमद, कर्मचारी सुदर्शन और तीन चाय विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था। आज भी आरोपी जेल में हैं।
ईमानदारी ही मेरी प्राथमिकता: तहसीलदार
देवेंद्र यादव ने कहा, “अगर अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी से कार्य करें तो न केवल भ्रष्टाचार रुकेगा बल्कि आमजन तक हर सरकारी योजना का लाभ भी पहुंचेगा। मेरी प्राथमिकता यही है कि कार्य पारदर्शिता और निष्ठा से हो।”