पाकिस्तान की सेना में बगावत के शुरू! भारत से जंग नहीं लड़ना चाहते सैनिक, इस्तीफों की बाढ़
भारत से युद्ध के हालात में पाक सेना में अंदरूनी संकट, 4500 जवान और 250 अधिकारी दे चुके हैं इस्तीफा

रिपोर्ट: श्रुति सूर्यवंशी
भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव चरम पर है। पाकिस्तान की संसद ने भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को लेकर उठाए कदमों को ‘युद्ध की कार्यवाही‘ करार दिया है। वहीं, पाकिस्तान खुद भी युद्ध की तैयारी में जुटा हुआ है—लेकिन अब उसके लिए एक और झटका सामने आया है।
पाकिस्तान की सेना में मौजूद कई सैनिक अब युद्ध में हिस्सा लेने से इनकार कर रहे हैं। खासकर पंजाब प्रांत के सैनिक, जो पहले हर युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर रहे, अब बॉर्डर पोस्टिंग से बचना चाह रहे हैं। कुछ सैनिकों ने तो साफ कहा कि वे भारत के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ेंगे। इस विरोध को नजरअंदाज करने पर कई सैनिकों और अधिकारियों ने इस्तीफा तक दे डाला।
4500 सैनिक और 250 अधिकारी छोड़ चुके हैं पद:
हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना में 4500 जवान और 250 अधिकारियों ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे हड़कंप मच गया है। सेना अब इस खालीपन को भरने के लिए प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों की मदद लेने की तैयारी में है।
नई भर्ती का प्रयास:
पाकिस्तान के पेशावर स्थित सैन्य मुख्यालय ने तात्कालिक भर्ती के आदेश दिए हैं। खास फोकस उन इलाकों पर है जहां सेना पहले से सक्रिय रही है—जैसे बलूचिस्तान, नॉर्थ वजीरिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा। सेना ने आठ रिटायर्ड जनरलों को भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी है, जिनमें पूर्व आर्मी चीफ जनरल अब्दुल वाहिद काकर और जनरल खालिद रब्बानी जैसे नाम शामिल हैं।
क्यों चिंता में है पाकिस्तान?
एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पाकिस्तान के पास युद्ध के लिए केवल 4 दिन का गोला-बारूद ही बचा है। ऐसे में सेना का मनोबल गिरना, और देश के भीतर ही विरोध के सुर उठना, पाकिस्तान की युद्ध तैयारी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।