प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग को लेकर वाराणसी की सड़क पर उतरी बेटियां
वाराणसी (राजातालाब/रोहनिया)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रविवार को पूर्ण शराब बंदी की मांग को लेकर सैकड़ों लड़कियां और महिलाएं सड़कों पर उतरीं। यह रैली प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न गांवों से आई महिलाओं ने भीखमपुर गांव से कोइली पुल बाजार तक मार्च किया।
आशा ट्रस्ट और लोक समिति द्वारा आयोजित इस रैली का मुख्य उद्देश्य शराब बिक्री पर रोक लगाने के लिए आवाज उठाना था। महिलाएं बैनर और तख्तियां लेकर निकलीं, जिन पर “शराब पीना बंद करो”, “शराब बेचना बंद करो” जैसे नारे लिखे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग की।
रैली के बाद कोइलीपुर बाजार में बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में लड़कियों ने नशा, घरेलू हिंसा, बालिका यौन हिंसा और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इसमें विभिन्न नृत्य और नाटक शामिल थे, जो महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा पर केंद्रित थे।
मिशन शक्ति अभियान से आई उपनिरीक्षक मानसी यादव ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी, जैसे 1090, 112, 181 और 1098। यह जानकारी महिलाओं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक थी।
कार्यक्रम का उद्घाटन लोक समिति के संयोजक नन्दलाल मास्टर, महिला चेतना समिति की रचना, और ठेला पटरी व्यवसाई यूनियन के अध्यक्ष चिंतामणि सेठ ने दीप जलाकर किया। नन्दलाल मास्टर ने सभा में कहा, “आज समाज के ज्यादातर लोग शराब में डूब चुके हैं। इसका खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ रहा है। घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और बलात्कार के मामलों में शराब सबसे बड़ा कारण है।”
सभा के अंत में उपस्थित लड़कियों और महिलाओं ने निर्णय लिया कि वे गांव-गांव में शराब के खिलाफ अभियान चलाएंगी। इस पहल का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और महिलाओं को सशक्त बनाना है।
कार्यक्रम में कई प्रमुख महिला नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थीं, जैसे अनीता, सोनी, सीमा, और मैनब। रैली का नेतृत्व बेबी और सोनी ने किया, जबकि संचालन अनीता और मैनब ने किया। सभी ने इस अभियान को सफल बनाने का संकल्प लिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाएं अब अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं और अपने अधिकारों के लिए खड़ी होंगी।