प्रयागराज में न्यायिक अधोसंरचना को मिला नया आयाम, सीएम योगी और CJI गवई ने किया चैंबर-पार्किंग भवन का लोकार्पण

मो० आरिफ़ अंसारी
~ कानून के शासन में बार-बेंच के साथ ही वादकारी का भी बड़ा महत्वः सीएम योगी
~ मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ से बने अधिवक्ता चैंबर्स व पार्किंग भवन के उद्घाटन समारोह को किया संबोधित
~ हर विपरीत परिस्थिती में न्याय की जद्दोजेहद करते दिखते हैं अधिवक्ताः मुख्यमंत्री
~ मल्टीलेवल पार्किंग तभी सफल होगी, जब उसके कुछ स्पेस का कॉमर्शियल उपयोग होः योगी
~ सीएम ने सरकार द्वारा अधिवक्ता हित में किए गए कार्यों को भी गिनाया
प्रयागराज, 31 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने आज प्रयागराज हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ रुपये की लागत से बने अधिवक्ता चैंबर्स और मल्टीलेवल पार्किंग कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने न केवल अधिवक्ताओं की कठिनाइयों को साझा किया, बल्कि प्रदेश में न्यायिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के अपने विजन को भी विस्तार से प्रस्तुत किया।
“रूल ऑफ लॉ” ही सुशासन की नींव: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इलाहाबाद हाईकोर्ट दौरे को याद करते हुए कहा, “पीएम मोदी ने तब कहा था कि सुशासन की पहली शर्त है – कानून का शासन।” उन्होंने स्पष्ट किया कि बार, बेंच और वादकारी – ये तीनों ही न्यायिक प्रक्रिया के स्तंभ हैं।
उन्होंने अधिवक्ताओं की रोज़मर्रा की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला – जैसे चैंबर की कमी, पेड़ों के नीचे बैठकर कार्य करना – और कहा कि राज्य सरकार इन मुद्दों का समाधान प्राथमिकता से कर रही है।
प्रयागराज – धर्म, न्याय और ज्ञान की त्रिवेणी
सीएम योगी ने प्रयागराज की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह भूमि गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम से ही नहीं, बल्कि धर्म, न्याय और ज्ञान की त्रिवेणी के रूप में भी जानी जाती है। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती और संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष की भी विशेष चर्चा की।
मल्टीलेवल पार्किंग की सफलता के लिए कॉमर्शियल मॉडल जरूरी: सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने शहरी योजनाओं की प्रभावशीलता पर चर्चा करते हुए उदाहरण दिया कि गोरखपुर में पहले मल्टीलेवल पार्किंग नहीं चली, लेकिन जब इसके ऊपरी फ्लोर को कॉमर्शियल उपयोग के लिए खोला गया, तो वह पूरी तरह फंक्शनल हो गई। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की नई पार्किंग सुविधा में भी यह मॉडल अपनाया जा सकता है ताकि आमजन इसका लाभ ले सकें।
“ऐसा बनाओ जो मॉडल बने” – न्यायिक भवनों के लिए नया दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब उनकी सरकार आई, तब राज्य के 10 ज़िलों में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट तक नहीं थे। नक्शे बार-बार बदलते थे, मंजूरी नहीं मिलती थी। ऐसे में उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं से स्पष्ट कहा, “ऐसा बनाओ जो भविष्य का मॉडल हो।” इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स की इस सोच को मूर्त रूप देने के लिए अब तक सात ज़िलों को मंजूरी मिल चुकी है और 1700 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गई है।
एक छत के नीचे सभी सुविधाएं – न्यायिक प्रक्रिया को मिलेगी रफ्तार
सीएम योगी ने कहा कि भविष्य में बनने वाले इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स में न केवल अदालतें होंगी, बल्कि वादकारियों को एक ही छत के नीचे अधिवक्ता चैंबर्स, पार्किंग, किचन, कैफेटेरिया और सम्मेलन कक्ष जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। यह पूरी संरचना न्यायिक प्रक्रिया की गति और पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।
अधिवक्ताओं के लिए योजनाएं: सहायता निधि बढ़ी, नई पीढ़ी को सपोर्ट
मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं की भलाई के लिए उठाए गए कदमों का ज़िक्र करते हुए बताया कि अधिवक्ता सहायता निधि को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है और आयु सीमा 60 से 70 वर्ष की गई है। इसके अलावा 500 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड बनाया गया है। नए अधिवक्ताओं को पहले तीन वर्षों तक पुस्तकें, मैग्ज़ीन आदि के लिए वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।
महाकुंभ की सफलता में हाईकोर्ट की भी भूमिका
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ 2019 की अभूतपूर्व सफलता का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी भूमिका रही। 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की सफल मेज़बानी ने प्रयागराज को विश्वपटल पर अलग पहचान दी।
विस्तार की भी तैयारी, जल्द मिलेगा अतिरिक्त बजट
सीएम योगी ने कहा कि मल्टीलेवल पार्किंग और अधिवक्ता चैंबर्स की मौजूदा सुविधा उत्कृष्ट है, लेकिन आवश्यकता होने पर इसके विस्तार के लिए भी आवश्यक धनराशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से समारोह भव्य बना
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्र, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरुण भंसाली, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. के. उपाध्याय, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, यूपी के एडवोकेट जनरल अजय कुमार मिश्र समेत अनेक न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।