बनारस में बाढ़ का कहर: 7000 से ज्यादा परिवार प्रभावित, गंगा-वरुणा दोनों नदियाँ खतरे के पार

आरिफ़ अंसारी, ख़बर भारत
वाराणसी, 4 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों के उफान ने भारी तबाही मचाई है। लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा है।
खतरे के निशान से ऊपर गंगा
मौसम विभाग और बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 72.03 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 71.26 मीटर से काफी ऊपर है। गंगा की सहायक नदी वरुणा भी अपने रौद्र रूप में है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
Date – 4/8/2025.
Time – 8:00 AM.
Rainfall – 11.2mm.
River – Ganga.
Gauge Site – Rajghat Varanasi, CWC
Warning Level – 70.262 m.
Danger Level – 71.262 m.
H.F.L. – 73.901 m.
Today Reading – 72.03m.
Trend-increasing – 1cm/hr.
कई इलाके जलमग्न, घाट डूबे
नक्खीघाट, हुकुलगंज, बघवानाला, आज़ाद नगर, खजुरी, पक्की बाजार और शिवपुर जैसे इलाकों में हालात गंभीर हैं। इन इलाकों में घुटनों से लेकर कमर तक पानी भर गया है। शहर के सभी 84 पक्के घाट डूब चुके हैं, और गंगा आरती को ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। नमो घाट को फिलहाल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है।
7,000 से ज्यादा परिवार प्रभावित, राहत कार्य जारी
प्रशासन के मुताबिक, अब तक 7,134 से ज्यादा परिवार बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। राहत के लिए 16 बाढ़ राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां भोजन, दवा और जरूरी सामान की व्यवस्था की गई है। हालांकि, कई प्रभावित परिवारों ने आरोप लगाया है कि राहत सामग्री समय पर नहीं पहुंच रही है।
सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियां प्रभावित
बाढ़ के चलते धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। 84 घाटों के जलमग्न होने से पूजा, स्नान और आरती जैसे आयोजन बाधित हो गए हैं।
बुनकर समुदाय पर संकट
शहर के बुनकर समुदाय पर बाढ़ का गहरा असर पड़ा है। वरुणा नदी के किनारे बसे कई इलाकों में करघे और सारा सामान पानी में डूब गया है, जिससे उनकी आजीविका पर बड़ा संकट मंडरा रहा है।
प्रशासन मुस्तैद, मुख्यमंत्री लगातार निगरानी में
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम और जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। 22 नावें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष लगातार सक्रिय है और हर वार्ड में निगरानी के लिए टीमें तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।
अब क्या आगे?
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो यह बाढ़ 1978 की ऐतिहासिक बाढ़ को भी पीछे छोड़ सकती है। प्रशासन ने निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की अपील की है।
बाढ़ कंट्रोल रूम नंबर:
जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने आमजन के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001805567, 0542-2720005 और 0542-2221942 जारी किया है। नागरिकों से अपील है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क करें।