बाराबंकी में महिला सिपाही की दर्दनाक हत्या: पुलिस महकमे में हड़कंप, कहीं पुराना विवाद तो नहीं है वजह?
झाड़ियों में मिला महिला सिपाही का शव, शरीर पर जले के निशान और हालत अर्धनग्न, कई दिनों से थी लापता

श्रुत्ति, ख़बर भारत
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे पुलिस महकमे और आम जनता को झकझोर दिया है। मंगलवार, 30 जुलाई 2025 की सुबह मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा गांव के पास झाड़ियों में एक महिला सिपाही का शव बरामद हुआ। शव की स्थिति देखकर यह मामला न केवल हत्या का प्रतीत हुआ, बल्कि यह भी स्पष्ट था कि कातिलों ने पहचान छिपाने के लिए चेहरा जलाने का प्रयास किया था।
मृतका की पहचान 2017 बैच की महिला आरक्षी विमलेश पाल के रूप में हुई है, जो बाराबंकी के सुबेहा थाने में तैनात थीं। वह मूल रूप से सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर क्षेत्र की निवासी थीं।
लापता होने के दो दिन बाद मिला शव, वर्दी में थी पर चेहरा झुलसा मिला
पुलिस के अनुसार, विमलेश पाल 27 जुलाई 2025 को ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं थीं। उनकी ड्यूटी सावन के विशेष अवसर पर रामनगर के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लगाई गई थी, जहां भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात था। लेकिन वह उस दिन से गायब थीं। खोजबीन के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला। फिर मंगलवार सुबह ग्रामीणों ने सड़क किनारे झाड़ियों में शव देख पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची मसौली पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने देखा कि शव वर्दी में था, मगर अर्धनग्न अवस्था में और चेहरा बुरी तरह जला हुआ था। वर्दी की नेम प्लेट से शव की पहचान संभव हो पाई।
पुलिस की तफ्तीश तेज, पुराने विवाद की जांच शुरू
घटनास्थल पर एसपी अर्पित विजयवर्गीय, एएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ गरिमा पंत, और आईजी प्रवीण कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया। आईजी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह पूर्व नियोजित हत्या लगती है और इसमें किसी नजदीकी व्यक्ति की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से नमूने इकट्ठा किए हैं और जांच के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
स्कूटी ने खोला शक का रास्ता, हरदोई में तैनात सिपाही इंद्रेश मौर्य मुख्य संदिग्ध
शव के पास एक स्कूटी भी मिली, जो हरदोई में तैनात सिपाही इंद्रेश मौर्य के नाम पर पंजीकृत है। यह वही नाम है, जिसके खिलाफ विमलेश ने वर्ष 2024 में बाराबंकी कोतवाली में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि इंद्रेश ने शादी का झांसा देकर विमलेश के साथ यौन संबंध बनाए। हालांकि बाद में विमलेश ने बयान बदलते हुए कोर्ट मैरिज की बात स्वीकार की थी और मामले को आगे न बढ़ाने की बात कही थी। इसके बाद इंद्रेश का तबादला हरदोई कर दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, इंद्रेश मौर्य वर्तमान में छुट्टी पर है और फरार चल रहा है, जिससे उस पर शक और गहरा हो गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है और उसे इस हत्या का प्रमुख संदिग्ध मान रही है।
सोशल मीडिया पर उठी नाराजगी, महिला पुलिसकर्मी की सुरक्षा पर सवाल
इस हृदयविदारक घटना ने सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। #JusticeForVimlesh जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि यदि पहले की शिकायत को गंभीरता से लिया गया होता, तो आज विमलेश जिंदा होतीं। कई लोगों ने महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और पुलिस विभाग के भीतर की लापरवाही पर तीखे सवाल उठाए हैं।
सिस्टम पर कठोर सवाल: क्या पुलिस अपने जवानों की भी सुरक्षा नहीं कर सकती?
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि सिस्टम की कमजोरियों और विभागीय संरचना की असंवेदनशीलता की एक और बानगी है। एक महिला कांस्टेबल, जो कानून की रक्षा करने वाली थी, खुद सुरक्षा से वंचित रह गई। क्या यह विभाग अपने कर्मचारियों के लिए सुरक्षित जगह है? क्या पूर्व विवादों और गंभीर शिकायतों को समय रहते गंभीरता से नहीं लिया जाना भी अपराध को बढ़ावा देता है?
पुलिस का दावा: जल्द करेंगे खुलासा
अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही इस हत्या का खुलासा किया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, और डिजिटल साक्ष्य की बारीकी से जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक विश्लेषण से भी पुलिस को कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
विमलेश पाल की हत्या ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि कानून की रक्षक भी यदि सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना कितनी खोखली हो सकती है। अब देखना यह है कि क्या पुलिस महकमा इस मामले में न्याय दिला पाएगा या यह मामला भी फाइलों की धूल में दब जाएगा।