बिछुड़ननाथ मंदिर की राह देख काँवरियों की निकलेगी आह, ग्रामीणों ने पानी मे धान की रोपाई कर जताया विरोध

रिपोर्ट: अंकित मिश्रा।
अमेहता।श्रावण मास की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है। पहला सोमवार भी है। इसी दिन क्षेत्र के शिव मंदिरों में जलाभिषेक होगा। सावन शुरू होने में महज नौ दिन शेष हैं लेकिन क्षेत्र के शिव मंदिरों के आसपास साफ-सफाई के इंतजाम नहीं किए गए हैं। बभनौली गांव के बिछुड़ननाथ महादेव मंदिर परिसर की हालत देखकर लगता है कि एक मास तक चलने वाले इस त्योहार की प्रशासन को सुधि नहीं है। क्षेत्र के प्रसिद्ध बिछुड़ननाथ महादेव मंदिर में इस बार भी पवित्र सावन माह में हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ेगा। इसके बावजूद मंदिर के आसपास न तो साफ-सफाई की व्यवस्था है और न ही समुचित प्रकाश की व्यवस्था। हालांकि मंदिर तक पहुंचने वाला मार्ग भी अत्यंत जर्जर है। श्रद्धालुओं को इन रास्तों पर मुसीबतों का सामना करते हुए ही मंदिर तक पहुंचना पड़ेगा। गंदगी और कीचड़ के साथ मार्ग के गड्ढों में जलजमाव भी श्रद्धालुओं की मुसीबत का कारण बनेगा। शनिवार को बिछुड़ननाथ मंदिर के आसपास कूड़े का ढेर लगा दिखा। मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों पर बिजली के खंभे तो हैं लेकिन उन पर लाइट नहीं है।परिसर में ही स्थापित पानी की टंकी की सारी टोटियां गायब हैं। मंदिर में स्थापित कभी गुलजार रहने वाला उपवन उजाड़ हो चुका है। कथा और प्रवचन जैसे पुनीत कार्यों के लिए बनाया गया चबूतरा जर्जर और खतरनाक हो गया है। वृक्षों के पास बने चबूतरे टूट चुके हैं।सावन का महीना शिव भक्तों के लिए खास होता है। हजारों की संख्या में भक्त जलाभिषेक के लिए बाबा बिछुड़ननाथ महादेव मंदिर आते हैं। इस मौके पर प्रदर्शन कर विरोध कर रहे समाजसेवी भोला पांडेय, सूरज कुमार चंचल, आशीष, अजय, बबलू, अजीत, मनोज आदि लोग उपस्थित रहे।