बैंककर्मी ने लगाया गंभीर आरोप, कहा- नौकरानी ने साजिशन झूठे मुकदमे में फंसाने की रची चाल
नौकरानी सीता मौर्या पर लगाया सामाजिक बदनाम करने का आरोप, फोन कॉल रिकॉर्डिंग व पूर्व थाने की जांच रिपोर्ट को बनाया आधार

खबर: वीरेंद्र पटेल
वाराणसी। कमिश्नरेट वाराणसी के सिगरा क्षेत्र के सिंहपुर निवासी एक बैंककर्मी ने पुलिस आयुक्त को शिकायती पत्र देकर एक महिला पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता सूरज बरनवाल ने अपने शिकायती पत्र में बताया है कि पड़ोस में रहने वाली महिला सीता मौर्या उन्हें साजिशन झूठे मुकदमे में फंसा रही है और उनके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास कर रही है।
सूरज बरनवाल ने बताया कि वह पेशे से बैंक कर्मचारी हैं और अपने बड़े भाई तथा भाभी के साथ सिंहपुर, थाना सारनाथ क्षेत्र में रहते हैं। उनके पड़ोस में रहने वाली सीता मौर्या मूल रूप से कुड़ासन, भभुआ (बिहार) की रहने वाली है और वाराणसी में पिछले 10 वर्षों से घरेलू सहायिका का कार्य कर रही है। अक्टूबर 2024 में उनकी भाभी सुमन देवी के कहने पर सीता मौर्या को उनके घर में काम पर रखा गया था, जिसकी जिम्मेदारी घर की सफाई और भतीजे की देखभाल करना तय हुई थी। उन्हें प्रतिमाह ₹5000 वेतन दिया जाता था, जिसे भाई-भाभी द्वारा नकद या ऑनलाइन भुगतान किया जाता था।
नकली आरोप और धमकी का आरोप:
शिकायत के अनुसार, अप्रैल 2025 में महिला ने सूरज बरनवाल पर झूठे आरोप लगाते हुए थाना सारनाथ में शिकायत की थी। हालांकि जांच में पुलिस ने आरोप को निराधार बताया था। सूरज ने यह भी दावा किया कि बाद में सीता मौर्या ने फोन पर स्वीकार किया कि उसने झूठ बोला था और उसकी मां ने ऐसा करने को कहा था। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग सूरज के पास मौजूद है।
सूरज का कहना है कि इसके बाद महिला गांव में घूम-घूम कर उन्हें बदनाम कर रही है और कहती है कि “मैं इसे फंसा कर इसका सब कुछ ले लूंगी”। यही नहीं, महिला ने कैंसर से पीड़ित उनकी भाभी का नाम घसीट कर पूरे परिवार की सामाजिक छवि खराब करने की कोशिश की। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि सीता मौर्या उनकी झूठी पत्नी होने का दावा कर रही है, जबकि उसकी मंगनी 2024 में चंदन नामक व्यक्ति से हो चुकी है।
पुलिस आयुक्त से लगाई न्याय की गुहार
सूरज बरनवाल ने पुलिस आयुक्त से मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और थाना सारनाथ को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि वह न्यायिक प्रक्रिया में पूर्ण विश्वास रखते हैं और किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
अब देखना यह है कि पुलिस आयुक्त इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और क्या शिकायतकर्ता को न्याय मिल पाता है या नहीं। मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।