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महिला को मिली न्याय की जमीन, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने कराया मड़ई का निर्माण

आकाश पाण्डेय, गाज़ीपुर

 

  • डहराकला गांव, सैदपुर (गाजीपुर) में महिला उर्मिला देवी को उसकी पट्टे की जमीन पर मड़ई (अस्थायी झोपड़ी) रखने से रोका जा रहा था।

  • दो व्यक्तियों को पट्टा मिला था, परंतु एक व्यक्ति ने अपना निर्माण कर लिया, जबकि महिला को बार-बार रोका जाता रहा।

  • ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर ने मौके पर पहुंचकर जमीन की जांच की।

  • अभिलेखों में जमीन महिला के नाम पर पाई गई।

  • महिला को उसकी जमीन पर मड़ई रखने दी गई और उसे निर्माण की अनुमति दी गई।

  • अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी को अनावश्यक परेशान करने पर कार्रवाई होगी।

 

डहराकला (गाजीपुर): सैदपुर तहसील क्षेत्र के डहराकला गांव में पट्टे की भूमि को लेकर चल रहे विवाद में प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए महिला को न्याय दिलाया। महिला उर्मिला देवी को उनकी वैध पट्टे की जमीन पर मड़ई रखने से रोका जा रहा था। शनिवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर मौके पर पहुंचे और विवाद का निपटारा कर महिला को उसका अधिकार दिलाया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, डहराकला गांव में दो लोगों को सरकारी योजना के तहत जमीन का पट्टा दिया गया था। जहां एक पक्ष ने अपनी जमीन पर निर्माण कर लिया, वहीं दूसरी पक्ष की महिला लाभार्थी उर्मिला देवी को बार-बार रोका जा रहा था। जब भी वह अपनी जमीन पर मड़ई रखने या निर्माण कार्य शुरू करने का प्रयास करतीं, तो दूसरा पक्ष उन्हें धमकाकर भगा देता था। महिला का आरोप था कि वह व्यक्ति न केवल विवाद खड़ा करता था बल्कि मारपीट पर भी उतारू हो जाता था।

मामले की सूचना मिलने पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर स्वयं मौके पर पहुंचे। उन्होंने संबंधित अभिलेखों की जांच की तो पाया कि विवादित जमीन का पट्टा वास्तव में उर्मिला देवी के नाम पर है। इसके बाद उन्होंने तत्काल प्रभाव से महिला की जमीन पर मड़ई रखवाने का निर्देश दिया और नींव खुदवाने का कार्य शुरू कराया।

इस अवसर पर उन्होंने स्पष्ट किया कि पट्टे की जमीन पर वही व्यक्ति कार्य कर सकता है, जिसके नाम पर पट्टा है। यदि कोई व्यक्ति अनावश्यक रूप से किसी लाभार्थी को परेशान करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मौके पर कानूनगो घुरहू राम, हलका लेखपाल सहित अन्य स्थानीय राजस्व कर्मी भी उपस्थित रहे। प्रशासन की इस तत्परता से ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है और महिला को उसका हक मिलने पर संतोष व्यक्त किया गया।


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