Ghazipur

मिलावटी शराब का भंडाफोड़: सरकारी ठेके से ज़हर की सप्लाई कर रहे थे दो आरोपी, चढ़े पुलिस के हत्थे

आबकारी विभाग की छापेमारी में अंग्रेजी शराब की 87 बोतलें जब्त, कई नामी ब्रांड नकली निकले | गाजीपुर के सैदपुर में चल रहा था यह खतरनाक धंधा

रिपोर्ट: आकाश पाण्डेय

गाजीपुर। ज़िले के सैदपुर थाना क्षेत्र में पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्यवाही में मिलावटी शराब का बड़ा जखीरा पकड़ा गया है। 18 मई 2025 को पुलिस अधीक्षक गाजीपुर के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी सैदपुर के निगरानी में चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत, आबकारी निरीक्षक श्री नीरज पाठक के नेतृत्व में टीम ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई को अंजाम दिया।

सूचना मिली थी कि एक सरकारी अंग्रेजी शराब की दुकान पर अवैध रूप से मिलावटी शराब बेची जा रही है। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक नीरज पाठक, उपनिरीक्षक विद्याधर तिवारी और कांस्टेबल अरविंद यादव मौके पर पहुंचे। टीम ने जैसे ही दुकान की जांच शुरू की, वहां से विभिन्न ब्रांड की कुल 87 बोतलें शराब बरामद हुईं। इनमें इम्पीरियल ब्लू, मैकडवेल नंबर-1, रॉयल स्टैग, 8PM, आफ्टर डार्क और आईमेनिक जैसे लोकप्रिय ब्रांड शामिल हैं। प्राथमिक जांच में यह शराब मिलावटी पाई गई, जिसे बाजार में खपाने की तैयारी थी।

मौके से पुलिस ने दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने नाम हीरालाल यादव, निवासी भुवरपुर, और अशोक यादव, निवासी मिरजापुर, बताया। दोनों आरोपियों को थाने लाकर उनसे पूछताछ की गई, जिसमें यह साफ हुआ कि वे लंबे समय से मिलावटी शराब का धंधा कर रहे थे।

इस पूरे घटनाक्रम के संबंध में सैदपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जिसमें आबकारी अधिनियम के तहत भी प्रावधान शामिल किए गए हैं। बरामद शराब को जब्त कर परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।

जांच अधिकारियों ने बताया कि मिलावटी शराब लोगों की जान के लिए खतरा बन सकती है। ऐसे में पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर जिले में इस प्रकार के गैरकानूनी कारोबार को खत्म करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। वहीं, वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम को इस कार्यवाही के लिए सराहना भी दी है।

जिला प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं पर भी अवैध शराब या उसके कारोबार की जानकारी हो, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें, ताकि जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

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