Lucknow

यूपी के 8 जिलों में पटाखों की बिक्री और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध, सुप्रीम कोर्ट सख़्त

ख़बर भारत डेस्क

लखनऊ, 29 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री (ऑनलाइन बिक्री सहित) और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला त्योहारी सीजन, विशेष रूप से दीपावली के दौरान बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। प्रतिबंधित जिलों में मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर (नोएडा), बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, शामली और मुजफ्फरनगर शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। दीपावली के बाद इस क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अक्सर गंभीर स्तर तक पहुंच जाता है, जिसका स्वास्थ्य पर विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इस आदेश के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने इन आठ जिलों में सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।

कानूनी कार्रवाई का प्रावधान

उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा, 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति पहली बार सजा पाने के बाद दोबारा उल्लंघन करता है, तो उस पर 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था

प्रतिबंध के उल्लंघन की शिकायत के लिए नागरिकों को कई विकल्प प्रदान किए गए हैं। शिकायत सीधे यूपी 112 हेल्पलाइन पर, व्हाट्सएप नंबर 7570000100, एसएमएस नंबर 7233000100, यूपी 112 के आधिकारिक फेसबुक और एक्स अकाउंट (@112UttarPradesh), या उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट (uppcb.up.gov.in) के माध्यम से दर्ज की जा सकती है।

प्रशासन का जोर: जनता का सहयोग जरूरी

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रतिबंध का पालन करें और स्वच्छ व सुरक्षित दीपावली मनाएं। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम न केवल सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन है, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। हर साल दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि होती है।

प्रतिबंध का प्रभाव

यह प्रतिबंध इन आठ जिलों में पटाखों के कारोबार से जुड़े लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम दीर्घकालिक पर्यावरणीय लाभ और जनस्वास्थ्य के लिए उठाया गया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे ग्रीन पटाखों या अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों का उपयोग करें, जहां यह अनुमति प्राप्त हो।

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने सभी संबंधित जिलों में निगरानी बढ़ा दी है ताकि प्रतिबंध का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि त्योहारों को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है।

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