यूपी में बिजली विभाग की ‘पावरफुल’ हकीकत! ऑडियो में अफसर की बड़ाई सुन ऊर्जा मंत्री भी हुए हैरान
बिजली कटौती की शिकायत पर अधिकारी बोला– “रामजीलाल सुमन मेरे बहनोई, राज बब्बर मेरे समधी...”, ऊर्जा मंत्री ने X पर जताई नाराजगी

मो० आरिफ़ अंसारी, ख़बर भारत
बस्ती। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की कार्यशैली और जवाबदेही पर एक बार फिर सवाल उठ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो ने विभाग की अंदरूनी हालत को बेनकाब कर दिया है। यह ऑडियो एक रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर और एक बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के बीच की बातचीत का है। उपभोक्ता ने बिजली कटौती की शिकायत की तो जवाब में अधिकारी अपनी ‘संपर्कों की ताकत’ गिनाने लगे।
ऑडियो सुनने ले लिए लिंक पर क्लिक करें….. https://www.instagram.com/reel/DMm0dtOTDdq/?igsh=N214MnhxZXh4ZDl6
ऑडियो में अधीक्षण अभियंता कहते हैं, “रामजीलाल सुमन मेरे बहनोई हैं, राज बब्बर मेरे समधी हैं, एसपी सिंह बघेल मेरे मित्र हैं और बेबी रानी मौर्य मेरी भाभी हैं।” यही नहीं, बातचीत के दौरान अधिकारी नशे की हालत में लगते हैं और बेहद गैरजिम्मेदाराना लहजे में बात करते हैं।
इस ऑडियो को लेकर खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से पोस्ट करते हुए लिखा कि “ऐसे गैर-जिम्मेदार अफसर विभाग को शर्मसार करते हैं।” उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्यवाही की जाएगी।
कई बार सांसद रह चुके एक वरिष्ठ राजनेता ने अभी-अभी अपने क्षेत्र से एक पढ़े-लिखे नागरिक की बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के साथ हुई बातचीत का ऑडियों निम्नांकित लिखकर मुझे कार्यवाही करने के लिए भेजा है।
यही बात मैंने तीन दिन पहले UPPCL के चेयरमैन, MD और अन्य अधिकारियों को कहा था।
कड़े शब्दों में यह भी कहा था कि 1912 की टोल फ्री व्यवस्था या अन्य टेक्नोलॉजी आधारित व्यवस्था मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकती है; विकल्प नहीं।
मैंने कहा था कि ऐसे कई ग़लत, असामयिक और अव्यवहारिक निर्देशों के कारण जनता को परेशानी हो रही है। अधिकारी फ़ोन उठाना बिल्कुल ही बंद कर दिए हैं। तितलौकी थी ही, अब नीम पर चढ़ गई। और अनेक ऐसे ग़लत निर्णय हमारे बार-बार लिखित। मौखिक रूप से मना करने के बावजूद हुए हैं।
सबने मीटिंग में मुझसे असत्य बोला कि 1912 पर ही शिकायत करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
मुझे उनकी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ।मैंने कई बार पूछा। हर बार वही असत्य सुनने को मिला।
वास्तविकता आप स्वयं सुनिए…
बिजली के अधिकारियों, कर्मचारियों को एक बार पुनः कह रहा हूँ कि जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। उनसे त्वरित और उचित भाषा में संवाद करें और समस्या का निराकरण करें।
अन्यथा परिणाम भयंकर होंगे।
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उस राजनेता का मुझे मिला ह्वाट्सऐप संदेश:
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माननीय मंत्री जी, बस्ती शहर के एक बड़े मुहल्ले में सुबह 10 बजे से लाइट नहीं है. रात्रि 8 बजे तक बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के फोन ना उठाने पर
अधीक्षण अभियंता बस्ती को काल करने पर उन्होंने जिस तरीके से बात की उसको सुनकर आप स्वयं जान जाएंगे कि public grievance के प्रति ये कितने संवेदनहीन हैं तथा इनके अपने संबंधों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की छवि जानबूझ कर खराब करने में लगे हुए है । बातचीत की रिकॉर्डिंग नीचे इस प्रकार है।
ऑडियो सामने आने के बाद विभागीय कार्यप्रणाली और अफसरों की कार्यशैली पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या संपर्क और रिश्ता ही अब सेवाओं का मापदंड बन चुका है?