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रजिस्ट्री और नामांतरण में धांधली का बड़ा मामला, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रामेश्वर सुधाकर की सख्त कार्रवाई से मचा हड़कंप

जनता दर्शन में पहुंची फरियादी को न्याय दिलाने में हुई बड़ी पकड़

आकाश पाण्डेय, गाज़ीपुर

 

सैदपुर (गाजीपुर): सैदपुर थाना क्षेत्र में जमीन के नामांतरण और रजिस्ट्री में धांधली का मामला प्रकाश में आया है। विधवा लक्ष्मी देवी, जो नगर के वार्ड संख्या पांच की निवासी हैं, ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई थी। उनका आरोप था कि उनकी जमीन पर कुछ दबंगों ने अवैध कब्जा कर लिया है और उनके नाम पर गड़बड़ी की जा रही है।

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने रामेश्वर सुधाकर (IAS) ने किया संबंधित दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की रामेश्वर सुधाकर की जांच में गड़बड़ी के प्रमाण मिलने के बाद बुधवार को कोतवाली में संबंधित आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। लेखपाल सूरज त्रिपाठी और कानूनगो इंद्रप्रताप सिंह की तहरीर पर यह कार्रवाई हुई है, जिससे क्षेत्र में खलबली मच गई है।

शिकायतकर्ता की मांग: जमीन की पैमाइश कराकर न्याय दिलाया जाए

शिकायत में लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनके पिता स्व. धर्मदेव सिंह की जमीन पर दबंग कब्जा किए हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष पत्रक देकर जमीन की पैमाइश कराकर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की थी। तहसील में मामला दर्ज होने के बाद स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच करवाई गई।

जांच में सामने आया कूट रचित नामांतरण का मामला

जांच में पता चला कि केदार उर्फ मुख्तार, पेशकार और कैलाश पुत्र स्व. फत्ते ने अपनी जेड ए की खतौनी संख्या 1087 की जमीन को तीन बार डहन गांव निवासी राधिका देवी एवं रोहतास सिंह को बेच दिया। लेकिन रजिस्ट्री के बाद नामांतरण नॉन जेड ए कस्बा सैदपुर के गाटा संख्या 1036 के सिकमी नंबर 791 में कर दिया गया। यह नामांतरण गड़बड़ी भरा और कूट रचित प्रतीत हो रहा है क्योंकि गाटा संख्या 1036 का सिकमी नंबर 791 नगर पंचायत में आबादी वर्ष 1929 में दर्ज है।

कोतवाल योगेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर केदार उर्फ मुख्तार, कैलाश और पेशकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और जल्द दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए कार्यवाही तेज कर दी गई है।

ऐसी गड़बड़ी से इलाके में हड़कंप, जनता में असंतोष

मामले के प्रकाश में आने के बाद इलाके में खलबली मची है। लोगों में प्रशासन से जल्द न्याय मिलने की उम्मीद बनी हुई है। इस घटना ने भूमि विवादों और कागजी घोटालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह मामला भूमि विवादों में पारदर्शिता की आवश्यकता और प्रशासनिक सख्ती की अहमियत को दर्शाता है। आशा है कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रामेश्वर सुधाकर के इस कार्यवाही से दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करके पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा।

 

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