
(ख़बर भारत)
वाराणसी। कमिश्नरेट वाराणसी के मंडुआडीह थाना क्षेत्र स्थित चांदपुर चौराहे से 21 जून की दोपहर एक युवक के लापता होने का मामला सामने आया है। युवक की पहचान आकाश पटेल (उम्र 25 वर्ष) के रूप में हुई है, जो ग्राम चांदपुर, पोस्ट इंडस्ट्रियल एस्टेट, थाना मंडुआडीह का निवासी है।
परिजनों के अनुसार, आकाश 21 जून को दोपहर 12 बजे के आसपास घर से निकले थे और उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है। जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटे तो परिवार ने आसपास और परिचितों में तलाश शुरू की, लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं मिली।
गुमशुदा आकाश की शारीरिक बनावट गोरी रंगत और लगभग 5 फीट कद की है। लापता होने के समय उसने नीले रंग की टी-शर्ट और लोअर पहन रखी थी। युवक के पिता स्व. कन्हैया लाल उर्फ विजय पटेल का पहले ही निधन हो चुका है, और घर में मां व छोटे भाई का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और क्षेत्रीय लोगों से अपील की है कि यदि किसी को आकाश के बारे में कोई जानकारी हो तो वे निम्न मोबाइल नंबरों पर तुरंत संपर्क करें:
📞 8840497681, 7347747795, 9336149196, 8858660035
सूचना देने वाले को उचित इनाम देने की घोषणा भी की गई है।
पुलिस की निष्क्रियता से परेशान परिजन
घटना को तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक युवक का कोई सुराग नहीं लगा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। न तो कॉल डिटेल्स की जांच हुई है, न ही सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए हैं। परिजन लगातार थाने के चक्कर काट रहे हैं लेकिन जांच में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही।
परिजनों का कहना है कि पुलिस की यही धीमी कार्यप्रणाली किसी भी गुमशुदा को ‘केस फाइल‘ बनाकर बंद करने वाली प्रवृत्ति को दर्शाती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर एक पढ़ा-लिखा, मानसिक रूप से स्वस्थ युवक भी शहर के बीचोंबीच से ग़ायब हो सकता है और पुलिस तीन दिन में भी कुछ नहीं कर पाती, तो आम आदमी की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?