वाराणसी: चाइनीज मांझा बना मौत का फंदा, प्रशासन बेबस, जनता लापरवाह
नीरज सिंह, वाराणसी
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वाराणसी। मकर संक्रांति नजदीक आते ही वाराणसी का आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पट जाता है। लेकिन इन पतंगों को काटने की होड़ अब जानलेवा साबित हो रही है। चाइनीज मांझा, जिसे प्रतिबंधित किया गया है, अब भी धड़ल्ले से बाजारों में बिक रहा है और खुलेआम इस्तेमाल हो रहा है। प्रशासन की नाकामी और जनता की लापरवाही ने इसे और खतरनाक बना दिया है।
आए दिन सड़कों पर यह कातिल मांझा इंसानी जिंदगियों से खेल रहा है। परिंदे तो पहले ही इसका शिकार हो रहे थे, लेकिन अब इंसानों की जान भी इसकी चपेट में आ रही है। हाल ही में वाराणसी में एक युवक की जान इस चाइनीज मांझे ने ले ली। घटना ने दिल दहला दिया, लेकिन अफसोस कि न प्रशासन जागा और न जनता ने कोई सबक लिया।
प्रशासन की नाकामी, व्यापारियों पर नहीं लग रही रोक
चाइनीज मांझा कानूनन प्रतिबंधित है, फिर भी इसकी बिक्री पर कोई रोक नहीं है। व्यापारियों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। नतीजा यह है कि यह जानलेवा मांझा खुले बाजार में आसानी से उपलब्ध है। प्रशासन की सुस्ती और व्यापारियों की लालच के आगे कानून भी बौना नजर आ रहा है।
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बच्चों की लापरवाही, मौत का खेल बन गई पतंगबाजी
बच्चे पतंगबाजी की होड़ में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें इस मांझे की खतरनाकियों से अवगत कराना जरूरी है, लेकिन अभिभावकों की लापरवाही भी इस समस्या को और बढ़ा रही है। बच्चों को सुरक्षित विकल्प अपनाने की सीख देने के बजाय उन्हें खतरों से खेलने के लिए खुला छोड़ दिया गया है।
परिंदों से लेकर इंसानों तक के लिए खतरा
इस मांझे में फंसकर तड़पते हुए परिंदों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं, लेकिन इसके बावजूद न जनता जागरूक होती है और न प्रशासन कोई ठोस कदम उठाता है। अब यह मांझा इंसानी जिंदगियों पर भी खतरा बन चुका है।
क्या वाकई हमारी जान इतनी सस्ती हो गई है?
हर साल चाइनीज मांझे के कारण कई लोग घायल होते हैं और कुछ की जान तक चली जाती है। इसके बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है। क्या प्रशासन इतनी कमजोर हो चुकी है कि इस जानलेवा मांझे के कारोबारियों पर लगाम नहीं लगा सकती? क्या जनता इतनी लापरवाह हो गई है कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित विकल्प सिखाने तक का प्रयास नहीं कर सकती?
चाइनीज मांझे से बचाव की जरूरत
यह समय है कि प्रशासन इस खतरे पर सख्ती से अंकुश लगाए और प्रतिबंधित मांझे की बिक्री पर कठोर कार्रवाई करे। साथ ही, अभिभावकों और नागरिकों को भी जागरूक होकर बच्चों को सुरक्षित पतंगबाजी के लिए प्रेरित करना होगा। जब तक जनता और प्रशासन मिलकर इस समस्या का हल नहीं निकालते, तब तक चाइनीज मांझा इसी तरह जानलेवा साबित होता रहेगा।
आपकी जान- आपकी जिम्मेदारी है, अब जागरूक बनें और चाइनीज मांझे को पूरी तरह न कहें!