वाराणसी मण्डी परिषद में भ्रष्टाचार और दुर्व्यवस्था का आरोप, उपनिदेशक के खिलाफ व्यवसायियों ने खोला मोर्चा, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

ख़बर: नीरज सिंह, वाराणसी
वाराणसी। पहाड़िया मण्डी में तैनात उपनिदेशक (प्रशासन एवं विपणन) संजय कुमार सिंह पर गंभीर भ्रष्टाचार, अमर्यादित आचरण और मनमानी का आरोप लगाते हुए व्यवसायी समिति ने जिलाधिकारी वाराणसी को पत्र सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। व्यवसायियों ने आरोप लगाया है कि मार्च 2025 में योगदान लेने के बाद से उपनिदेशक ने मण्डी की व्यवस्थाओं की अनदेखी करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया है।
व्यवसायी समिति द्वारा जिलाधिकारी को प्रेषित शिकायती पत्र में बताया गया है कि अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह से ही उपनिदेशक मण्डी की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी कर, व्यक्तिगत हित और भ्रष्ट कार्यों में संलिप्त हैं।
मुख्यमंत्री और मण्डी निदेशक को भी भेजी जा चुकी है शिकायत
व्यवसायी समिति ने पहले भी 14 मई 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मण्डी निदेशक और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर उपनिदेशक के कार्य व्यवहार की शिकायत की थी। इसके साथ ही 15 मई 2025 को 10 बिंदुओं का ज्ञापन उपनिदेशक को सौंपा गया, जिनमें कई बिंदु सीधे उनके भ्रष्टाचार से जुड़े थे।
आरोप है कि इस पर बातचीत के दौरान उपनिदेशक बौखला गए और व्यवसायियों को “निपटा देने” की धमकी तक दी।
बिना नोटिस मण्डी परिसर में व्यापारियों की दुकानों पर कार्रवाई
सबसे गंभीर आरोप यह है कि 10 जून 2025 को बंदी के दिन उपनिदेशक ने चार व्यापारियों की दुकानों को ‘मण्डी गोदाम’ बताते हुए बिना सक्षम मजिस्ट्रेट की मौजूदगी के जबरन ताले तुड़वाए और व्यापारियों का सामान सड़क पर फेंकवा दिया। व्यापारियों के अनुसार, उन्हें लाखों की नकदी, खाता-बही और अन्य जरूरी सामान वापस नहीं मिले। विरोध करने पर अपशब्द कहे गए और गालियां दी गईं।
अनुसूचित जाति- जनजाति उपसमिति की टीम भी कर चुकी है निरीक्षण
28 जून 2025 को उत्तर प्रदेश विधानसभा की अनुसूचित जाति एवं जनजाति उपसमिति की टीम ने मण्डी का निरीक्षण किया था। व्यवसायियों ने उपसमिति को मण्डी में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अराजकता की जानकारी दी और लिखित शिकायत भी सौंपी।
मण्डी कार्यालय को आवास बनाकर रह रहे हैं उपनिदेशक
व्यवसायियों ने यह भी आरोप लगाया है कि संजय कुमार सिंह मण्डी कार्यालय के दो कमरों को अवैध रूप से आवास के रूप में उपयोग कर रहे हैं। धर्मकांटा और प्रवेश द्वार पर अवैध वसूली के आरोप भी लगाए गए हैं, जिससे कथित तौर पर उनके निजी खर्चे पूरे किए जा रहे हैं।
व्यवसायियों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
व्यवसायी समिति ने उपनिदेशक के खिलाफ समुचित जांच और निलंबन की मांग करते हुए कहा है कि यह आचरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” की नीति के विपरीत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की छवि को भी धूमिल करता है।
जिलाधिकारी से की गई अपील
व्यवसायियों ने मांग की है कि पहाड़िया मण्डी की प्रतिष्ठा और पारदर्शिता बनाए रखने हेतु इस गंभीर प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेते हुए निष्पक्ष जांच कराई जाए और आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।