वाराणसी में पत्रकारों से पुलिस दुर्व्यवहार के मामले पर गहराया विवाद
राष्ट्रीय पत्रकार परिषद ने की कार्रवाई की मांग, राजातालाब और जंसा थानों के पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप

रिपोर्ट: श्रुति।
वाराणसी। वाराणसी में पत्रकारों के साथ हो रहे पुलिसिया व्यवहार को लेकर नाराज़गी बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र उपाध्याय ने सोमवार को अपर पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) को पत्र सौंपते हुए दो अलग-अलग मामलों की जांच की मांग की है। परिषद का आरोप है कि बीते कई दिनों से वाराणसी के पत्रकार पुलिसकर्मियों के दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, लेकिन बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि 19 जुलाई को थाना राजातालाब पर तैनात सिपाही राहुल कुमार द्वारा पत्रकार शुभम शर्मा के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया था। इस संबंध में पत्रकारों ने तत्कालीन एसओ राजातालाब राजू कुमार को ज्ञापन सौंपा था और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी इसकी जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से भेजी गई थी। लेकिन, पत्रकारों का कहना है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इससे भी अधिक गंभीर मामला 23 जुलाई को सामने आया, जब थाना जंसा के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार शर्मा ने पत्रकारों से न सिर्फ अभद्रता की, बल्कि जब उन्होंने एसीपी राजातालाब से बात कराने का आग्रह किया, तो उन्होंने कथित तौर पर कहा, “थाने के इंचार्ज हम हैं, न कि एसीपी राजातालाब।” परिषद का कहना है कि यह भाषा न केवल अनुशासनहीन है, बल्कि पत्रकारों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली भी है।
राष्ट्रीय पत्रकार परिषद ने मांग की है कि दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही परिषद ने सुझाव दिया है कि जांच की ज़िम्मेदारी गोमती जोन के अपर पुलिस उपायुक्त या रोहनिया के सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी जाए।
मामला अब पूरे पत्रकार समुदाय में चर्चा का विषय बन चुका है और सभी की निगाहें पुलिस प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।