वाराणसी: लेढूपुर उपकेंद्र में रिश्वतखोरी का मामला उजागर, जेई के प्राइवेट असिस्टेंट ने मांगी रिश्वत, उपभोक्ता ने की शिकायत

नीरज सिंह, वाराणसी

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वाराणसी।  लेढूपुर उपकेंद्र में भ्रष्टाचार का एक और गंभीर मामला उजागर हुआ है। उपभोक्ता ने आरोप लगाया है कि जेई रामवतार गोंड के कथित प्राइवेट असिस्टेंट सोमेश्वर ने बिजली कनेक्शन के लिए रिश्वत मांगी। रिश्वत न देने पर पड़ोसी के बकाया बिल का हवाला देकर कनेक्शन देने से मना कर दिया गया। उपभोक्ता के बार-बार पूछने पर जेई और सोमेश्वर ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर भ्रमित किया।

जब यह मामला पत्रकारों के संज्ञान में आया, तो एसडीओ ने स्पष्ट किया कि सोमेश्वर विभाग का अधिकृत कर्मचारी नहीं है। सवाल यह उठता है कि विभाग में फर्जी कर्मचारी जांच के नाम पर कैसे पहुंचा? सूत्रों के मुताबिक, सोमेश्वर का उपकेंद्र पर नियमित आना-जाना है। यदि वहां लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए जाएं, तो भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों का पर्दाफाश हो सकता है।

यह पहला मामला नहीं है। कुछ महीने पहले इसी उपकेंद्र पर 10,000 रुपये रिश्वत लेते एक बाबू पकड़ा गया था, जिस पर कार्रवाई की गई थी। इसके बावजूद विभाग में भ्रष्टाचार और अवैध प्राइवेट नियुक्तियों का सिलसिला जारी है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बिजली विभाग में गड़बड़ियां खत्म नहीं हो रही हैं।

उपभोक्ता का कहना है कि उसके पड़ोसी के बकाया बिल से उसका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इसके नाम पर उसे परेशान किया जा रहा है। उपभोक्ता ने जेई और सोमेश्वर को कई बार कॉल किया, लेकिन समाधान नहीं हुआ।

यह मामला विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आखिर कब तक उपभोक्ता भ्रष्टाचार का शिकार बनते रहेंगे? जिम्मेदार अधिकारियों पर कब कार्रवाई होगी? क्या यह भ्रष्टाचार कभी खत्म होगा, किसकी जिम्मेदारी तय होगी,कौन देगा जवाब किसकी होगी जवाबदेही कौन करेगा तय?

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