वाराणसी: सफाई कर्मियों की बस्ती को उजाड़े जाने के विरोध में नगर आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

मो० आरिफ़ अंसारी

 

वाराणसी। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कज्जाकपुरा सफाई कर्मियों की बस्ती को प्रशासन द्वारा उजाड़े जाने के विरोध में स्थानीय निवासियों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में बस्ती के लगभग 45 परिवारों की सुरक्षा और स्थायी आवास की मांग की गई है।

ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया कि सन् 2004 में रोड चौड़ीकरण के समय नगर आयुक्त द्वारा सफाई कर्मियों को अस्थाई आवास के रूप में इस जगह पर बसाया गया था। अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि जब तक उन्हें स्थायी आवास नहीं मिलेगा, तब तक उन्हें इस स्थान से नहीं हटाया जाएगा। हालांकि, नगर निगम ने 16 नवंबर 2023 को एक नोटिस जारी करते हुए इस बस्ती को खाली करने का आदेश दिया था, साथ ही यह चेतावनी दी थी कि यदि वे नहीं हटते तो बुलडोजर लगाकर बस्ती को उजाड़ दिया जाएगा।

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इस मामले को लेकर सफाई कर्मियों ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मुकदमा दायर किया है, जिसका मामला अभी भी अदालत में चल रहा है (मुकदमा न० रिक/142704/2023)। बावजूद इसके, नगर निगम ने 13 दिसंबर 2024 से लगातार बस्ती को खाली करने के लिए नोटिस चस्पा किए हैं, जिससे बस्तीवाले चिंतित हैं।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि प्रशासन द्वारा 6 किलोमीटर दूर खाली भूमि पर बस्तीवाले भेजे जाने की योजना को बस्तीवाले स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें स्थायी आवास प्रदान किया जाए और रिहेबिलिटेशन एंड रिसेटलमेंट एक्ट 2005 के तहत सभी की बस्तियों को सुरक्षित किया जाए।

सफाई कर्मियों ने नगर आयुक्त से निवेदन किया है कि उच्च न्यायालय में चल रहे मामले को देखते हुए, प्रशासन को बार-बार जारी किए जा रहे नोटिस को रोकने का आदेश दिया जाए और तत्काल स्थायी आवास की व्यवस्था की जाए।

कज्जाकपुरा सफाई बस्ती के उजाड़े जाने को लेकर प्रशासनिक अवहेलना के खिलाफ ज्ञापन के बावजूद उजड़ने की कोशिश

 

सफाई कर्मियों ने प्रशासन से मांग की है कि एसटी-एसटी सब प्लान के बजट से उनके लिए स्थायी आवास की व्यवस्था की जाए और उन्हें मानसिक प्रताड़ना से बचाया जाए।

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