विवादित भूमि पर दबंगों का उत्पात प्रधान सहित 17 पर दर्ज मुकदमा

मनीष कुमार || ख़बर भारत

 

वाराणसी। थाना मिर्जामुराद क्षेत्र के रूपापुर गांव में अनुसूचित जनजाति के अवनीश कुमार गोंड पुत्र सुनील के साथ भूमि विवाद को लेकर विपक्षीगणों द्वारा किए गए उत्पात ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है।

पीड़ित अवनीश ने अपनी शिकायत में बताया कि वह ग्राम नयापुर का निवासी है और मौजा रूपापुर की आराजी नंबर 585 पर वर्षों से मण्डवी, नाद, चरनी और तख्ता रखकर रहन-सहन कर रहा है। 25 जुलाई 2024 को सुबह 5:30 बजे, विपक्षीगण- जगदीश गुप्ता, रिंकू गुप्ता, महेश गुप्ता, राजेश तिवारी, सुजीत सेठ, सत्येन्द्र केशरी, मनोज कुमार सेठ, गोविन्द सेठ, राजू गुप्ता, बेचू लाल गुप्ता, रामबाबू सेठ, विजय कुमार सेठ, राधेश्याम केशरी, राहुल कुमार विश्वास, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, सिपाही प्रजापति और रवि सभी निवासी रूपापुर, मिर्जामुराद, एक राय होकर वहां पहुंचे। इन दबंगों ने पीड़ित की मण्डवी का बल्ली और दुकान का काउंटर तोड़ दिया। जब अवनीश ने इसका विरोध किया, तो विपक्षीगणों ने न केवल उसे जातिसूचक गालियां दीं बल्कि जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि, “आज तो तुझे इसी मण्डवी में आग लगाकर जला देंगे। घटना के दौरान पीड़ित की आवाज सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हुए और किसी तरह विवाद को शांत कराया।

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पीड़ित का आरोप है कि विपक्षीगण भू-माफिया हैं और उनका संबंध स्थानीय प्रशासन के कुछ अधिकारियों और गुंडों से है। इसके चलते पीड़ित को न्याय मिलने में मुश्किल हो रही है।

अवनीश कुमार का कहना है कि विपक्षीगणों के इस आचरण से वह और उसका परिवार भयभीत है। उसने अपनी तहरीर में प्रशासन से मांग की है कि विपक्षीगणों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि हल्का थाने के दरोगा, लेखपाल और कानूनगो विपक्षीगणों से मिले हुए हैं और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।

प्राथी का कहना है कि वह अनुसूचित जनजाति से संबंध रखता है, और उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और स्थानीय प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह मामला अब अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

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