शराब ठेका खोलने के विरोध में उबाल: चिमटा-बेलन लेकर सड़क पर उतरीं महिलाएं, छात्राओं की सुरक्षा पर जताई चिंता

रिपोर्ट: विशाल कुमार
वाराणसी। चौबेपुर क्षेत्र की एक कॉलोनी में प्रस्तावित शराब ठेके को लेकर स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। विशेषकर महिलाओं ने चिमटा, बेलन, हसुआ जैसे घरेलू सामान लेकर सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने चेतावनी दी कि अगर ठेका नहीं हटाया गया, तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
“ठेका खुला तो महिलाएं नहीं निकल पाएंगी बाहर”
प्रदर्शन कर रहीं बेबी देवी ने कहा कि, “यह कॉलोनी का एकमात्र सुरक्षित मार्ग है। यदि यहीं शराब ठेका खोल दिया गया, तो महिलाओं और छात्राओं का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।” महिलाओं का कहना है कि इससे न सिर्फ सामाजिक माहौल खराब होगा, बल्कि आए दिन छेड़छाड़ और अभद्र व्यवहार की घटनाएं बढ़ेंगी।
छात्राओं की पढ़ाई पर भी असर
मानसी बरनवाल, जो एक स्थानीय छात्रा हैं, ने कहा कि ठेका उनके घर से महज 10 मीटर की दूरी पर प्रस्तावित है। “शराब लेने आने वाले लोग अक्सर अनुचित व्यवहार करते हैं जिससे हम मानसिक रूप से परेशान रहते हैं और पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।”
नियमों की खुलेआम अवहेलना
स्थानीय निवासी संतोष बरनवाल ने कहा कि ठेका आबकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए आबादी क्षेत्र में शिफ्ट किया जा रहा है। नियमों के अनुसार, किसी भी शराब ठेके को आवासीय इलाके से कम से कम 220 मीटर की दूरी पर होना चाहिए, जबकि यहां यह दूरी मात्र 10 मीटर है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को सौंपा गया ज्ञापन
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी, आबकारी विभाग, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और स्थानीय विधायक त्रिभुवन राम को ज्ञापन सौंपकर ठेका हटाने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो विरोध और तेज होगा।
ग्राम प्रधान के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना
आंदोलनकारी ग्राम प्रधान राघवेंद्र जायसवाल के आश्वासन के बाद धरना समाप्त करने पर राज़ी हुए। उन्होंने ठेका न खुलने का आश्वासन देते हुए कहा कि प्रशासन से इस विषय में बात की जाएगी।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
प्रदर्शन में संगीता, दीक्षा, संजना चौहान, निधि, कीर्तन, विजय लक्ष्मी, मीनाक्षी, सीमा, गीता, रामा, संतोष, आशीष, मानसी, अमृता, बेबी, नेहा, चंद्रिका, अजय, दिनानाथ, नीरज, कैलाश, प्रखर, आहान समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।