संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 75वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर ध्वजारोहण एवं विचार-मंथन का आयोजन
आरिफ अंसारी
देव वाणी संस्कृत ,अनेकता में एकता का सूत्र है
वाराणसी। आज 75वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ध्वजारोहण कार्यक्रम अत्यंत उल्लासपूर्ण वातावरण में उत्साह पूर्वक मनाया गया।
इस समारोह के मुख्य अतिथि और यूपी मुख्य मंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉक्टर के. वी. राजू और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने सर्वप्रथम भारत माता के भव्य चित्र पर माल्यार्पण कर एनसीसी कैडेट्स परेड का निरीक्षण व सलामी लेने के बाद ध्वजारोहण एवम राष्ट्रगान किया। मुख्य अतिथि ने अपने उदबोधन में कहा कि देव वाणी संस्कृत अनेकता में एकता के सूत्र को बताती है। संस्कृत , संस्कृति और संस्कार ही किसी व्यक्ति , परिवार , समाज और राष्ट्र को विकसित होने का आधार है। इस विश्व विद्यालय की प्राचीनता में अब विश्व के अन्य विश्व विद्यालय भी यहां से जुड़ना चाहते हैं।उन सभी को जोड़ते हुए ज्ञान परंपरा को पुष्पित पल्लवित किया जाय , आज की महती आवश्यकता है जिससे ये विश्व विद्यालय बहुत ही जल्द अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा।
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अपने अध्यक्षीय उदबोधन में इस विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने विश्व विद्यालय की प्राचीनता पर प्रकाश डालते हुए ,आज तक की विकास यात्रा को बताया और भविष्य में यहां के छात्र छात्राओं, शोध कर्ताओं, आचार्यों एवम कर्मचारियों आदि के हित में अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करते हुए विश्व विद्यालय को सफलता के आयाम स्थापित करने का संकल्प लिया। कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने ये भी कहा कि इस समय शासन सत्ता के कार्य प्रणाली के चलते ही भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण हुआ है और भारत आज विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बन गया है।
ऐसे में इस विश्वविद्यालय का उन्नयन हो जाना निश्चित है, बस सबका साथ, सबका प्रयास और सबका विश्वास लगातार बना रहे। कुलपति जी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उपस्थित सभी गणमान्यों का आवाहन किया कि मूल का फूल मुरझाने न पाए ये प्रयास सभी को करना होगा। जो जहां भी हो अपने कर्तव्यों का पालन निष्ठा पूर्वक करे, देश भक्ति भी है।
इस समारोह में कुलसचिव राकेश कुमार, सभी विभागों के आचार्य गण , छात्र छात्राएं , सभी कर्मचारी ,जनसंपर्क अधिकारी और विशेष आमंत्रित हृदय नारायण पाण्डेय, आर के चौधरी भी उपस्थित रहे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के बाद कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने कार्यक्रम समापन सहमति प्रदान किया।