सत्ता के सिंहासन से सीधे सलाखों के पीछे… पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद!

डेस्क: ख़बर भारत।
बेंगलुरु। कभी कर्नाटक की सबसे रसूखदार राजनीतिक विरासत का वारिस, आज उम्रकैद की सजा भुगत रहा है। पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जिन्हें कभी हासन का तेजतर्रार युवा नेता और देवेगौड़ा खानदान का अगला वारिस माना जाता था, अब बलात्कार, यौन शोषण और आपराधिक धमकी जैसे संगीन मामलों में दोषी करार दिए गए हैं।
3,000 अश्लील क्लिप्स, सैकड़ों पीड़िताएं और एक सत्ता लोलुपता की दास्तां
24 अप्रैल 2024 – यही वह दिन था जब हासन के एक मैदान में जनता के बीच बांटी गईं वो हज़ारों पेनड्राइवें, जिनमें प्रज्वल रेवन्ना की 3,000 से ज़्यादा सेक्स क्लिप्स, वीडियो और अश्लील तस्वीरें थीं। और तभी से शुरू हुई JD(S) और देवेगौड़ा परिवार की गिरती साख की वो कहानी, जो अब अदालत की मुहर के साथ एक ‘उम्रकैद’ पर खत्म होती दिख रही है।
कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना ? रसूख की हदें देखिए…
– दादा: पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा
– पिता: पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना
– चाचा: पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी
– भाई: MLC सूरज रेवन्ना
हासन में एक कहावत मशहूर थी – “यहां दो संविधान चलते हैं: एक बाबा साहब का, और एक देवगौड़ा परिवार का।” अब शायद तीसरे की भी जरूरत न पड़े, क्योंकि अदालत ने अपने फैसले में बता दिया – संविधान एक ही है, और वही सर्वोपरि है।
ये हैं अब तक के आरोप:
– 50 महिलाओं से यौन उत्पीड़न
– 12 महिलाओं ने बलात्कार का आरोप लगाया
– 4 FIR दर्ज
– 2,000+ अश्लील तस्वीरें, 40 निजी वीडियो
– SIT जांच और डिजिटल फॉरेंसिक से आरोप साबित
पहले जर्मनी भागे, फिर वापस लौटे देश
वीडियो लीक के बाद प्रज्वल सीधे जर्मनी भाग निकले। तब BJP-JD(S) गठबंधन की सरकार चुप्पी साधे बैठी थी। लेकिन जब कांग्रेस और महिला संगठनों ने सड़कों पर उतरना शुरू किया, तो BJP को भी याद आया कि ‘बेटी बचाओ’ सिर्फ नारा नहीं, ज़िम्मेदारी भी होती है।
31 मई 2024 को जब प्रज्वल देश लौटे, एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार कर लिए गए।
कोर्ट ट्रायल में हुए खुलासे:
ड्राइवर कार्तिक की गवाही अनुसार: “मालिक की मां भवानी रेवन्ना को सब पता था, लेकिन उन्होंने कहा – परिवार की इज्जत बचाओ।”
–एक महिला: “रेप करने के बाद बोला – चुप रहो वरना वीडियो वायरल कर दूंगा।”
– एक अन्य महिला: “पहले मेरी मां के साथ जबरदस्ती की, फिर वीडियो कॉल पर मुझे कपड़े उतारने पर मजबूर किया।”
अदालत ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि इतने बड़े राजनीतिक रसूख और परिवारिक दबाव के बावजूद, जांच एजेंसियों और गवाहों की दृढ़ता ने न्याय को संभव बनाया।
कोर्ट का फैसला :उम्रकैद की सजा
₹11 लाख का जुर्माना – पीड़िता को मुआवज़े के तौर परकोर्ट में फूट-फूटकर रोए प्रज्वल: “मुझे राजनीति में नहीं आना चाहिए था…”
राजनीतिक असर और BJP की खामोशी
जब वीडियो सामने आए थे, JD(S) नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। मगर BJP की ओर से खामोशी थी। वजह? JD(S) अब NDA का हिस्सा है। और शायद इसीलिए, कई भाजपा नेताओं की ज़ुबान पर ताले लगे रहे।
कांग्रेस प्रवक्ता स्वाति चंद्रशेखर ने X के माध्यम से तंज कसा: “बेटी बचाओ के पोस्टर तो लगाए गए, पर जब बेटियों ने आवाज़ उठाई, NDA गठबंधन में सन्नाटा था।”
अब आगे क्या?
JD(S) को अब हासन और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक नुकसान झेलना तय है। देवगौड़ा परिवार को अपनी साख बचाने की जंग लड़नी होगी। और BJP के लिए भी यह सवाल खड़ा हो चुका है – क्या सत्ता के लालच में ऐसे सहयोगियों को ढोना जरूरी है?