हर शाम शराबियों का अड्डा बनता महमूरगंज तिराहा, डर के साए में जी रहे स्थानीय लोग!
शराब की दुकान बनी क्षेत्रवासियों के लिए सिरदर्द, प्रशासन की अनदेखी से बढ़ी चिंता

ख़बर: आरिफ़ अंसारी
वाराणसी: सिगरा थाना क्षेत्र के महमूरगंज तिराहे के पास स्थित शराब की दुकान के बाहर शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लगना आम बात हो गई है। इस स्थिति से आसपास के रहवासी, खासकर महिलाएं और बच्चे, असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। शराब के नशे में धुत लोग आए दिन हो-हल्ला, गाली-गलौज और मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अराजकता का माहौल बना रहता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस व्यस्त सड़क के किनारे शराब की दुकान का होना अपने आप में एक बड़ी समस्या है। शाम ढलते ही दुकान के बाहर शराबियों की भीड़ जमा हो जाती है, जो न केवल रास्ता अवरुद्ध करती है, बल्कि आसपास के माहौल को भी असुरक्षित बनाती है।
एक स्थानीय निवासी रमेश यादव ने बताया, “शाम होते ही यहां का माहौल बदल जाता है। शराबी खुलेआम शराब पीते हैं और ऊधम मचाते हैं। बच्चों और महिलाओं का निकलना मुश्किल हो जाता है।”
सिगरा पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
स्थानीय लोगों का सबसे बड़ा गुस्सा पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर है। शिकायतों के बावजूद इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। एक अन्य निवासी, शालिनी सिंह, ने बताया कि, “हमने कई बार पुलिस को शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। पुलिस कभी-कभी गश्त करती है, लेकिन जैसे ही पुलिस जाती है, स्थिति फिर वही हो जाती है।”
स्थानीय लोगों की मांग
रहवासियों ने मांग की है कि या तो शराब की दुकान को किसी सुनसान इलाके में स्थानांतरित किया जाए या फिर इसके आसपास कड़ी पुलिस निगरानी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि शराब की बिक्री के समय को सीमित किया जाए ताकि देर रात तक होने वाली अशांति को रोका जा सके।
महमूरगंज तिराहे पर शराब की दुकान के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं न केवल स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब हैं, बल्कि यह शहर के कानून-व्यवस्था के प्रशासन पर भी सवाल उठाती हैं। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह स्थानीय लोगों की शिकायतों को गंभीरता से ले और इस दिशा में त्वरित कदम उठाए।