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दृष्टिहीन साधु की गला रेतकर निर्मम हत्या, मंदिर में करते थे पूजा-पाठ, गांव में दहशत का माहौल

बुजुर्गा (कोठवा) गांव में रात के सन्नाटे में गूंजा मौत का तांडव, पुलिस को जमीन विवाद का शक, जांच में जुटी टीम

आकाश पाण्डेय, गाज़ीपुर

 

~ धारदार हथियार से मारकर दृष्टिहीन वृद्ध की हत्या

~ बदमाशों ने गर्दन काटकर कर की हत्या

~ सदर कोतवाली क्षेत्र के बुजुर्गा गांव का मामला

~ रात में सोते समय वृद्ध की हुई हत्या

~ पुलिस मामले की छानबीन में जुटी

 

गाजीपुर। सदर कोतवाली क्षेत्र के बुजुर्गा (कोठवा) गांव में सोमवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव को सन्न कर दिया। गांव के 50 वर्षीय दृष्टिहीन रामनगीना यादव की गला रेतकर हत्या कर दी गई। उनकी लाश आटा चक्की के बाहर खून से लथपथ मिली। इस निर्मम हत्याकांड से गांव में दहशत का माहौल है और लोग सहमे हुए हैं।

पूजा-पाठ से जुड़ा जीवन, गांव में थे सम्मानित

रामनगीना यादव जन्म से ही दोनों आंखों से दृष्टिहीन थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वह वर्षों से गांव के मंदिर में पूजा-पाठ करते थे और गांव में घूम-घूमकर भिक्षाटन के सहारे जीवन यापन करते थे। उनका स्वभाव शांत और सरल था, जिससे गांव के लोग उनका सम्मान करते थे।

सोते समय दिया वारदात को अंजाम

हर रोज की तरह सोमवार की रात भी रामनगीना गांव की एक आटा चक्की के बाहर सो रहे थे। तभी अज्ञात हमलावरों ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी। हमलावरों की दरिंदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने रामनगीना का सिर धड़ से अलग कर दिया।

चक्की मालिक की नींद टूटी तो खुला रहस्य

चक्की के अंदर सो रहे मालिक की नींद अचानक किसी शोर से टूटी। जब वह बाहर आया तो उसने देखा कि रामनगीना का शव खून से लथपथ पड़ा है। वह हक्का-बक्का रह गया और शोर मचाया, जिससे ग्रामीण एकत्र हो गए।

पुलिस को जमीन विवाद का शक, जांच जारी

सूचना पर सदर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला किसी जमीन विवाद से जुड़ा हो सकता है। हालांकि, अन्य पहलुओं को भी ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।

घटना से गांव में फैला भय और आक्रोश

घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। लोग एक साधु जैसे सरल स्वभाव के दृष्टिहीन बुजुर्ग की इस तरह हत्या को लेकर बेहद आहत हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी सजा दी जाए।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब समाज में भी श्रद्धा और सेवा करने वालों की कोई इज्जत नहीं रही? एक दृष्टिहीन और साधु जीवन जीने वाले इंसान की बेरहमी से हत्या यह दर्शाती है कि समाज को संवेदनशीलता और सह-अस्तित्व की भावना को फिर से जागृत करने की जरूरत है।

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