Varanasi: कर्नल विनोद ने हिंदी पखवाड़े के समापन पर वितरित किए पुरस्कार
मो० आरिफ़ अंसारी
वाराणसी। कर्नल विनोद, पीएमजी वाराणसी ने हिंदी पखवाड़े के समापन पर भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं को समझने के लिए हिंदी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने से उनका मस्तिष्क तेजी से विकसित होता है। यह बात उन्होंने वाराणसी डाक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में कही।
कर्नल विनोद ने हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने संत कबीर का उदाहरण देते हुए कहा कि भाषा केवल एक माध्यम नहीं, बल्कि सत्य को जानने का रास्ता है।
समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। मनीष कुमार और श्रीप्रकाश गुप्ता ने सर्वाधिक पुरस्कार प्राप्त किए। कार्यक्रम के दौरान सहायक निदेशक भोला शाह ने कार्यभार ग्रहण किया, जबकि महेंद्र कुमार, जो 43 वर्षों से भारतीय डाक विभाग में सेवाएँ दे रहे थे, सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्त महेंद्र कुमार ने शहनाई बजाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर सुश्री पल्लवी और अजिता ने अपनी स्वरचित कविताएँ भी सुनाईं।
कर्नल विनोद ने हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए सभी को प्रेरित किया और कहा कि हिंदी में विचारों को संकलित करने से मानसिक विकास होता है। कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि प्रत्येक व्यक्ति हिंदी को अपने प्रमुख उत्तरदायित्व के रूप में स्वीकार करेगा।