गाजीपुर का बेशर्म थानेदार: निर्दोषों को छोड़ने के एवज में है जिसे पैसों से प्यार !
बेईमान सादात थानेदार संतोष राय ने हत्याकांड में बेकुसूरों का उत्पीड़न कर मांगे प्रति व्यक्ति 50 हजार
आकाश पाण्डेय, ब्यूरो चीफ ग़ाज़ीपुर
गाजीपुर। सादात जखनियां रेलवे स्टेशन के बीच एक युवक के शव मिलने का मामला पुलिस हत्या की आशंका पर भी जांच कर रही थी पुलिस जांच के लिए कई लोगों को थाने पर बुलाया जांच के दौरान हत्याकांड में दोषी पाए जाने पर चार लोगों को जेल भेजा गया। सूत्रों के अनुसार अन्य लोगों को छोड़ने की एवज में सादात थाना प्रभारी ने 50-50 हजार रुपए प्रति व्यक्ति की डिमांड रखी गयी।
बता दें कि सादात जखनियां रेलवे स्टेशन के बीच एक युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम लेकर जांच शुरू की हुई कई लोगों को हत्या की आशंका में थाने पर बुलाया और उन्हें कई दिन तक थाने में ही बैठा गया। छोड़ने के एवज में प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार राय ने 50-50 हजार की डिमांड रखी, जबकि पुलिस ने इसी मामले में शनिवार को 4 हत्यारोपियों को जेल भेज दिया था।इसके बाद भी पूछताछ के लिए लगे गए अन्य 7 लोगों को पुलिस लगातार प्रताड़ित करती रही, प्रतिदिन सुबह लोगों को पूछताछ के नाम पर बुलाया जाता है और शाम तक थाने में पुलिस बैठी रही परेशान होकर लोगों ने थानाध्यक्ष से बात किया तो पैसे की बात सामने आई। लेकिन हत्या में शामिल न होने पर लोगों ने पैसा देने से इनकार कर दिया जिसके बाद थाना प्रभारी ने मुकदमे में फसाने की धमकी भी दे डाली। थानाध्यक्ष की इस कार्यशैली से गाजीपुर पुलिस के ऊपर कई सवाल खड़े होते हैं क्या थानाध्यक्ष को अधिकारियों का डर नहीं है या फिर सबकी मिली भगत से थानाध्यक्ष आम जनता से धन की उगाही करने में लगे हैं।
सूबे की योगी सरकार भ्रष्टाचार खत्म करने के लाख दावे करें लेकिन धरातल पर कुछ और ही देखने को मिलता है आज भी पुलिस की कार्यशैली से आम जनता परेशान है थानाध्यक्ष लोगों को झूठे मुकदमे में फसाने के एवज में 50-50 हजार रुपए की वसूली कर रहे हैं न देने पर जेल भेजने तक की धमकी दे डालते हैं।
गाज़ीपुर पुलिस अधीक्षक जनपद से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कर रहे हैं लेकिन उनके थाना प्रभारी आम जनता को परेशान करके धन की उगाही कर रहे हैं। आम जनता को सहूलियत देने के वजह पुलिस परेशान कर रही है गरीब लोगों से धन की वसूली कर रही है ऐसे भ्रष्टाचारी पुलिस अधिकारियों पर कब करवाई होगी यह तो समय ही बताएगा लेकिन सादात के थानाध्यक्ष इस करतूत से गाजीपुर पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गये हैं।