वाराणसी में महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा शुरू: रैली में गूंजे सामाजिक जागरूकता के नारे
मो० आरिफ़ अंसारी
मिर्जामुराद (वाराणसी): प्रधानमंत्री आदर्श गांव नागेपुर में सोमवार को महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े की शुरुआत हुई। इस अवसर पर लोक समिति और आशा ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, किशोरियां और गांववासी शामिल हुए।
रैली के दौरान “चुप नहीं रहना है, हिंसा नहीं सहना है,” “बाल विवाह बंद करो,” “महिला हिंसा बंद करो,” और “दहेज प्रथा पर रोक लगाओ” जैसे नारों से गांव की गलियां गूंज उठीं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है यह अभियान
महिला हिंसा के खिलाफ यह पखवाड़ा 25 नवंबर से 16 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है। इसका मुख्य संदेश है, “भेदभाव मिटाएंगे, नया समाज बनाएंगे”। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को जागरूक करना और उन्हें हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित करना है।
हिंसा के खिलाफ समाज को बदलने की जरूरत
कार्यक्रम में महिला संगठन की अनीता ने कहा, “महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के मुद्दे पर खुलकर बात करना और इसे समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास करना जरूरी है।”
लोक समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा, “हमें समाज में मौजूद पुरुष प्रधान ढांचागत सोच को बदलना होगा। अब वक्त है कि महिलाएं अपने अधिकारों के लिए खड़ी हों और हिंसा का पुरजोर विरोध करें। हमें अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को भी खत्म करने की जरूरत है, क्योंकि वे भी हिंसा का एक माध्यम बनते हैं।”
रैली और गतिविधियों में सहभागिता
रैली के साथ-साथ कार्यक्रम में महिलाओं, किशोरियों और बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया। उन्होंने महिला हिंसा, दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैलाई। इसमें आशा सामाजिक स्कूल के बच्चों और किशोरी सिलाई प्रशिक्षण केंद्र नागेपुर की लड़कियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
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कार्यक्रम में नंदलाल मास्टर, सुनील मास्टर, ज्योति, मनीषा, आशीष, श्यामसुंदर, मधुबाला, पंचमुखी मनजीता, सीमा, अनीता, विद्या, शमा बानो और अन्य ने अपनी भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, हिंसा के खिलाफ सामूहिक प्रयास करना और एक समतामूलक समाज का निर्माण करना है। यह पखवाड़ा महिलाओं की सुरक्षा और लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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