Varanasi

यौन उत्पीड़न से तंग आकर ओडिशा की छात्रा ने किया आत्मदाह, घटना पर फूटा आक्रोश, NSUI ने काशी विद्यापीठ पर किया प्रदर्शन

ओडिशा की घटना के विरोध में एनएसयूआई का प्रदर्शन, बेटियों की सुरक्षा पर उठाए सवाल

ख़बर: नीरज सिंह

 

वाराणसी। ओडिशा में एक छात्रा, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की सदस्य भी थी, द्वारा मानसिक और यौन उत्पीड़न से त्रस्त होकर आत्मदाह करने की हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। छात्रा द्वारा बार-बार न्याय की गुहार लगाने के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने से नाराज एनएसयूआई वाराणसी इकाई ने सोमवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय के गेट नंबर-2 पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

“बेटी बचाओ” सिर्फ नारा बनकर रह गया है: एनएसयूआई

एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शशांक शेखर सिंह ने कहा कि

“जब एबीवीपी की सदस्य, जो खुद भाजपा की छात्र इकाई से जुड़ी थी, वो ही अपनी सुरक्षा को लेकर असहाय है, तो एक आम छात्रा या बेटी कैसे सुरक्षित रह सकती है? यह बेहद शर्मनाक है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसा अभियान अब सिर्फ एक राजनीतिक नारा बनकर रह गया है।”

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री एक ओर बेटी बचाओ का संदेश देते हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित राज्यों में बेटियों की चीखें भी अनसुनी रह जाती हैं। यह दोहरा चरित्र अब जनता के सामने उजागर हो चुका है।

एनएसयूआई ने की घटना की कड़ी निंदा

प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप पाल, जिलाध्यक्ष शशांक सिंह, इकाई अध्यक्ष गौतम शर्मा, आदर्श सोनकर, नमन राय, रोनिक सोनकर समेत कई छात्र नेता मौजूद रहे। सभी ने ओडिशा की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषी शिक्षक की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।


“बेटी के न्याय की गुहार अनसुनी क्यों? – एनएसयूआई ने काशी विद्यापीठ पर उठाई आवाज़”

 

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