पंजाब से निकला नशा मुक्ति का संदेश, 4500 किमी साइकिल यात्रा वाराणसी पहुँची
"उड़ता पंजाब" की छवि बदलने निकले चार युवा, नशा मुक्ति का संदेश लेकर वाराणसी पहुँचा साइकिल यात्रा दल

ख़बर भारत, डेस्क
~ चार माह से जारी जनजागरूकता अभियान, आशा ट्रस्ट ने किया स्वागत
~ जनजागरूकता की अनोखी मिसाल—4500 किमी पैडल मारकर नशा मुक्ति का संदेश
वाराणसी। पंजाब के लुधियाना से नशा मुक्ति का संदेश लेकर निकले चार युवाओं का दल सोमवार को वाराणसी पहुंचा। लगभग 4500 किलोमीटर की यह साइकिल यात्रा युवाओं में नशे की बढ़ती लत और “उड़ता पंजाब” जैसी छवि को बदलने के उद्देश्य से निकाली गई है।
चौबेपुर कैथी में हुआ गर्मजोशी से स्वागत
चौबेपुर कैथी पहुंचने पर सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं ने यात्रा दल का स्वागत किया। फूलमालाओं और नारों के साथ स्वागत कर लोगों ने उनके अभियान को समर्थन देने का संकल्प लिया।
चार माह में 4500 किमी की साइकिल यात्रा
यात्रा संयोजक नितीश चोपड़ा ने बताया कि हम चारों साथी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद निजी क्षेत्रों में काम कर रहे थे, लेकिन पंजाब में युवाओं में बढ़ते नशे ने हमें झकझोर दिया। इसी कारण हमने यह देशव्यापी साइकिल यात्रा शुरू की, जो पूरी तरह जनसहयोग से चल रही है।
उन्होंने बताया कि यह यात्रा 4 माह पहले लुधियाना से प्रारंभ हुई थी। अब तक हम पंजाब के सभी जिलों, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, ग्वालियर होते हुए वाराणसी पहुंचे हैं। यात्रा दल में बिट्टू सिंह, हरपाल सिंह और संदीप सिंह शामिल हैं।
अगला पड़ाव और संदेश
यात्रा दल आगे भी विभिन्न राज्यों से होकर गुजरेगा और युवाओं से नशे से दूर रहने, खेल और शिक्षा को अपनाने का संदेश देगा। उनका मानना है कि समाज और परिवार की सक्रिय भूमिका से ही नशा मुक्त भारत का सपना साकार हो सकता है।