धानापुर शहीदों की श्रद्धांजलि सभा से सांसद वीरेंद्र सिंह का बहिष्कार, कहा-PDA समाज में जन्मे शहीदों का अपमान
शहीद स्थल पर शहीदों की मूर्तियों के लिए भेजे गए मद को क्यों नहीं किया जा रहा है स्वीकर

नीरज सिंह, चन्दौली
चंदौली। 16 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान धानापुर थाना कब्जा कार्यक्रम में शहीद हुए वीर सपूतों की स्मृति में धानापुर शहीदी स्थल पर हर वर्ष की भांति श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर शहीदों को नमन करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई।
लेकिन इस बार कार्यक्रम से चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने स्वयं को अलग रखा और मंच का बहिष्कार किया। सांसद ने अपने प्रेस बयान में स्पष्ट किया कि उन्होंने शहीदों की स्मृति को संरक्षित और सम्मानित करने के लिए सांसद निधि से 10 लाख रुपये दिए थे, ताकि शहीदों के चबूतरे का निर्माण हो सके और स्थल पर टिन शेड सहित सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा सके। लेकिन, संस्था द्वारा उनकी निधि न स्वीकारने और कार्य न करने से वे आहत हैं।
सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि धानापुर कांड में शहीद हुए नौ वीर सपूतों के नाम शहीद स्तंभ पर अंकित हैं, जिनमें से सभी को समान सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने दुख जताया कि कुछ शहीदों को उनके जातिगत पृष्ठभूमि के कारण उचित मान्यता और सम्मान नहीं दिया जा रहा है। यह सामंतवादी मानसिकता का परिणाम है, जिसे खत्म करना उनका दायित्व है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कई पत्र जिलाधिकारी चंदौली, संस्कृति विभाग और कार्यदायी संस्था को लिख चुके हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के दबाव के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। सांसद ने कहा कि यदि 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो वे सुनिश्चित करेंगे कि सभी शहीदों को बराबर का स्थान और सम्मान दिया जाए।
अंत में उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि वे इस बार आयोजन में सम्मिलित नहीं हो सके। उन्होंने क्षेत्र के नागरिकों और सहयोगियों से क्षमा मांगते हुए भरोसा दिलाया कि उनकी भावनाओं को लोग अवश्य समझेंगे।