वाराणसी नगर निगम मुख्यालय पर कांग्रेस का घेराव, महापौर पर लगाया 1 करोड़ के “स्पेशल कोटा” का आरोप, 10 दिन में कार्रवाई न होने पर जनांदोलन की चेतावनी
आरिफ़ अंसारी, वाराणसी

वाराणसी, 2 सितम्बर 2025।
महानगर कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय पर ज़ोरदार प्रदर्शन किया और नगर आयुक्त का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा। यह आंदोलन कांग्रेस की हालिया पदयात्रा “हमें बताए अपनी बात, कांग्रेस आयी आपके द्वार” के बाद आयोजित किया गया, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के वार्ड-वार्ड घूमकर जनता की समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से सुना।
शहर की बदहाल तस्वीर पेश की
ज्ञापन में कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि वाराणसी नगर निगम क्षेत्र की स्थिति बेहद दयनीय है।
- सीवर ओवरफ्लो और गंदगी से मोहल्लों में बदबू और बीमारियाँ फैल रही हैं। अशफाक नगर, कमच्छा, नाँगकुआँ, जैतपुरा, राजापुरा और दनियालपुर जैसे क्षेत्रों का हाल बदतर है।
- पेयजल संकट गहराया हुआ है। अधिकांश वार्डों में मटमैला व दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। महीनों से पाइपलाइन लीक पड़ी है।
- गलियों की दुर्दशा बरसात के बाद और भी भयावह हो गई है। सड़कों और गलियों में गड्ढे हैं और पानी भराव से नागरिक परेशान हैं।
- स्ट्रीट लाइटें महीनों से खराब हैं, जिससे रात्रि में अंधेरा और असुरक्षा का माहौल है।
- सफाई व्यवस्था चौपट हो चुकी है। वरुणा और गंगा किनारे के इलाकों में महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
- कूड़ा प्रबंधन में घोटाला – वाराणसी वेस्ट सॉल्यूशन कंपनी समय पर कूड़ा नहीं उठा रही और केवल कागज़ी काम दिखाकर धन की बंदरबांट हो रही है।
महापौर पर गंभीर आरोप
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने वाराणसी महापौर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य वित्त आयोग से पथ प्रकाश के लिए 7 करोड़ रुपये आए। इस हिसाब से प्रत्येक पार्षद को 7 लाख रुपये मिलने चाहिए थे। लेकिन महापौर ने पार्षदों के बजट से 1-1 लाख काटकर अपने लिए 1 करोड़ रुपये का ‘स्पेशल कोटा’ बना लिया। यह सीधे-सीधे पार्षदों के अधिकारों पर डाका है और लोकतंत्र की आत्मा का अपमान है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की किसी धारा में महापौर को ऐसा अधिकार दिया गया है? और स्वयं ही जवाब दिया—“नहीं। यह महापौर राज चलाने की कोशिश है।”
10 दिन का अल्टीमेटम, आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने नगर आयुक्त से मांग की है कि 10 दिनों के भीतर वाराणसी की समस्याओं पर ठोस कार्रवाई की जाए और महापौर के ‘स्पेशल कोटा’ पर रोक लगाई जाए।
राघवेंद्र चौबे ने चेतावनी दी – “यदि कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर बड़ा जनांदोलन करेंगे। यह लड़ाई केवल पार्षदों के बजट की नहीं बल्कि हर नागरिक के हक़ की है, जिसने टैक्स देकर नगर निगम को खड़ा किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “काशी की जनता ने प्रधानमंत्री को सांसद चुना, लेकिन उन्हें सीवर जाम, गंदे पानी और टूटी गलियों की सौगात मिली। क्योटो का सपना अब सिर्फ कागज़ों तक सीमित है।”
बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रहे शामिल
इस घेराव में संजीव सिंह, फसाहत हुसैन बाबू, गुलशन अली, सतनाम सिंह, अनुराधा यादव, अरुण सोनी, अशोक सिंह, प्रमोद वर्मा, खालिद सिद्दीकी समेत सैकड़ों कांग्रेसजन मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में कहा कि जनता की बुनियादी सुविधाओं के लिए उनकी लड़ाई तेज़ होगी और नगर निगम प्रशासन को जवाबदेह बनाना ही पड़ेगा।