Ghazipur: हत्या के बाद रेलवे ट्रैक पर फेंका था शव, चार को हत्या के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

गुलाम सरवर 'इमरान'

~ पिटाई से हुई थी सत्यम की मौत, चार लोग गिरफ्तार

~ किशोरी को भगाने के आरोप में परिजनों ने जमकर की थी पिटाई

~ रेल पटरी पर शव रखकर हत्यारों ने दुर्घटना का रूप देने का किया था प्रयास

~ मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों का चालान भेजते हुए आगे की कार्रवाई कर रही सादात पुलिस

 

गाज़ीपुर। बुधवार रात जनपद गाज़ीपुर के सादात-जखनिया रेलवे स्टेशन के बीच एक युवक का शव मिलने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। प्रारंभिक जांच में यह माना जा रहा था कि युवक की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई, लेकिन अब इस मामले में हत्या की आशंका जताई जा रही थी।

मृतक युवक का नाम सत्यम सिंह (18) है, जो आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के टंडवा गांव का निवासी था। उसकी लाश मिलने के बाद, मृतक के पिता भूपेंद्र सिंह ने सादात थाने में एक तहरीर दी, जिसमें उन्होंने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए और कुछ अज्ञात व्यक्तियों पर भी हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें सत्यम को एक स्कूल के कक्ष में अन्य लोगों द्वारा पीटा जा रहा है। इस वीडियो से पुलिस हरकत में आ गई, जिसके बाद उन्होंने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए सात लोगों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।

भूपेंद्र सिंह की शिकायत के मुताबिक, सत्यम बहरियाबाद में एक सर्विस सेंटर पर नौकरी करता था। उनका आरोप है कि मृतक की पिटाई करने वाले लोग स्थानीय व्यवसायी के चार बेटे हैं, जिनमें पवन, राजेश, रमेश और उमेश शामिल हैं। इसके अलावा, कुजराव थाना तरवां के आशीष गुप्ता और झंगिया निवासी सुनील यादव का नाम भी लिया गया है।

आरोप है कि यह घटना तब हुई जब व्यवसायी की नाबालिग भांजी को एक युवक द्वारा बहला-फुसलाकर भगाने की कोशिश की गई। भांजी के परिजनों ने इस मामले की जानकारी मिलते ही खोजबीन शुरू की और वाराणसी से भांजी और आरोपी युवक को पकड़ लिया।

पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि गाज़ीपुर के सादात में रेल ट्रैक पर मिले युवक सत्यम सिंह की मौत अब दुर्घटना नहीं, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। पुलिस ने चार आरोपियों पवन गुप्ता, अविनाश भारद्वाज, सुजीत गुप्ता और आशीष गुप्ता को गिरफ्तार कर शनिवार को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

 

सैदपुर क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने मीडिया को बताया कि जांच में यह स्पष्ट हुआ कि घटना के एक दिन पहले सत्यम ने एक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगाया था। किशोरी के परिजनों ने उसे पकड़कर एक स्कूल के कमरे में बंद कर दिया और वहां उसकी पीटाई की, जिसके कारण सत्यम की मौत हो गई।

सत्यम का शव ट्रैक पर रखने का मकसद इस हत्या को दुर्घटना का रूप देना था। पुलिस ने इस मामले में शामिल चार आरोपियों पवन गुप्ता, अविनाश भारद्वाज, सुजीत गुप्ता और आशीष गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

क्षेत्रशिकारी सैदपुर ने यह भी बताया कि मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर में चोट लगने के कारण मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस को कुछ अन्य लोगों की भी संलिप्तता पाई गई है जिनकी तलाश जारी है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर कार्यवाही की जाएगी।

क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने मीडिया से यह भी बताया कि इस मामले में अन्य सात लोगों को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इसमे से  प्रिंस बरनवाल, सनी सोनकर व दानिश अंसारी के साथ अन्य 4 लोगों की संलिप्तता नहीं पाई गई।

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