Khabar Ghazipur: मेघबरन सिंह हॉकी स्टेडियम का हाॅकी इंडिया के पदाधिकारियों ने किया दौरा
हॉकी इंडिया के जनरल सेक्रेटरी का करमपुर स्टेडियम में आगमन, गहमर से पलामू तक का सफर और खिलाड़ियों के लिए बड़े वादे
Akash Pandey || Khabar Bharat
ग़ाज़ीपुर (उ०प्र०): मेघबरन सिंह हॉकी अकादमी करमपुर, गाजीपुर में आज एक विशेष अवसर था, जब हॉकी इंडिया और हॉकी झारखंड के वरिष्ठ अधिकारीगण यहां पहुंचे। इस दौरे का आयोजन स्टेडियम के निदेशक राधे मोहन सिंह (पूर्व सांसद गाजीपुर) के साथ एक बैठक के बाद हुआ, जिसमें हॉकी इंडिया प्रेसिडेंट दिलीप तिर्की और जनरल सेक्रेटरी भोलनाथ सिंह मौजूद रहे और भोलानाथ सिंह ने स्टेडियम में आने का वादा किया था।
इस दौरे में भोलनाथ सिंह (जनरल सेक्रेटरी, हॉकी इंडिया), सेकर जे० मनोहरन (कोषाध्यक्ष, हॉकी इंडिया), शशिकांत प्रसाद (कार्यकारी निदेशक, हॉकी झारखंड), राजनीश कुमार (सीईओ, हॉकी झारखंड), धर्मेंद्र सिंह (उपाध्यक्ष, हॉकी झारखंड), डॉ० मंजूर आलम अंसारी (डीएसओ वाराणसी), अकरम महमूद (डीएसओ वाराणसी) इत्यादि शामिल हुए।
यहाँ करीब 350 खिलाड़ियों ने भोलनाथ सिंह का स्वागत किया, जिनके साथ स्टेडियम के संचालक अनिकेत सिंह और कोच इंद्रदेव भी उपस्थित रहें। इस अवसर पर भोलनाथ सिंह ने खिलाड़ियों को 200 हॉकी स्टिक, 50 कूकाबुरा हॉकी बॉल, 4 गोलकीपर पैड और अन्य हॉकी उपकरण प्रदान करने का वादा किया।
भोलनाथ सिंह ने घोषणा की कि हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर इंडिया के कोच हर्मन कुरिस जल्द ही करमपुर स्टेडियम का दौरा करेंगे और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देंगे। हर्मन कुरिस हॉकी के दुनिया के सबसे जाने कोच है और नीदरलैंड के हेड कोच भी रहे हैं।
दौरे के दौरान, भोलनाथ सिंह ने खिलाड़ियों की स्थिति और उनके संघर्षों को देखा और कहा कि यह स्टेडियम कभी भी संसाधनों और अवसरों की कमी नहीं झेलेगा, जैसा कि दिवंगत श्री तेज बहादुर सिंह, करमपुर स्टेडियम के संस्थापक, का सपना था। उन्होंने कहा की स्वर्गीय ठाकुर तेज बहादुर सिंह गरीब बच्चों के मसीहा और द्रोणाचार्या थे।
यह उल्लेखनीय है कि भोलनाथ सिंह के पूर्वजों का संबंध गहमर, गाजीपुर से है, लेकिन अब वे लंबे समय से पलामू, झारखंड में निवास कर रहे हैं। उनके इस जुड़ाव ने गाजीपुर और झारखंड के बीच एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और खेल संबंध स्थापित किया है, जिससे दोनों क्षेत्रों के हॉकी खिलाड़ियों को प्रेरणा और समर्थन मिलता है।
करमपुर के इस दौरे ने स्थानीय खिलाड़ियों और उनके परिवारों में एक नई उम्मीद जगाई है कि उनके संघर्षों का फल मिलेगा और वे भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकेंगे।