
रांची: झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। एक तगड़े ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों ने 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली जोनल कमांडर अपटन को मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ झारखंड के जंगल क्षेत्र में हुई, जहां अपटन अपने दस्ते के साथ सक्रिय था। इस सफलता को नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
गुप्त सूचना पर चला ऑपरेशन
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि अपटन और उसका दस्ता जंगल के घने इलाके में छिपा हुआ है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। इस सूचना के आधार पर झारखंड पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को घेरा, तो नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने अपटन को ढेर कर दिया।
अपटन का आपराधिक इतिहास
अपटन, जो नक्सल संगठन का जोनल कमांडर था, लंबे समय से झारखंड और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। वह हत्या, लूट, रंगदारी, और सुरक्षाबलों पर हमले जैसी दर्जनों वारदातों में शामिल था। पुलिस के अनुसार, अपटन पर कई जिलों में आपराधिक मामले दर्ज थे, और राज्य सरकार ने उसकी गिरफ्तारी या जानकारी देने के लिए 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसकी गतिविधियों ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर रखी थी।
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस, और नक्सली साहित्य बरामद किया है। इनमें राइफल्स, विस्फोटक सामग्री, और अन्य उपकरण शामिल हैं, जो नक्सलियों की बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं। पुलिस का मानना है कि इस ऑपरेशन से न केवल अपटन का खात्मा हुआ, बल्कि नक्सली संगठन की कमर भी टूटी है।
नक्सलियों के मनोबल पर असर
झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अपटन जैसे बड़े नक्सली कमांडर का खात्मा नक्सल संगठन के लिए करारा झटका है। यह ऑपरेशन नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारा अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि इलाके को पूरी तरह नक्सल मुक्त किया जा सके।”
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस सफलता की सराहना की है और इसे नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, और इस तरह की कार्रवाइयां उस दिशा में तेजी से बढ़ रही हैं।
स्थानीय प्रभाव और भविष्य की रणनीति
इस मुठभेड़ से नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों का दबदबा बढ़ा है। स्थानीय लोगों में भी उम्मीद जगी है कि नक्सलवाद के खात्मे से क्षेत्र में शांति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। पुलिस अब अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं की तलाश में और तेजी लाने की योजना बना रही है। इसके लिए खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जा रहा है, साथ ही ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।
नक्सलवाद के खिलाफ व्यापक अभियान
यह ऑपरेशन झारखंड में हाल के महीनों में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे ताबड़तोड़ अभियानों का हिस्सा है। इस साल अब तक कई बड़े नक्सली कमांडर मारे जा चुके हैं, और कई ने आत्मसमर्पण भी किया है। सरकार की नीति न केवल नक्सलियों को खत्म करने की है, बल्कि आत्मसमर्पण करने वालों को मुख्यधारा में लाने के लिए पुनर्वास योजनाओं को भी बढ़ावा दे रही है।