PM के संसदीय क्षेत्र बनारस के राजातालाब में अमीरों की शान के लिए उजाड़ दिए गए गरीब मजलूम
खुलेआम हो रहा सुप्रीम कोर्ट के आदेश और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट का उल्लंघन
राजातालाब हाईवे के किनारे ऐसे तमाम गरीब बेसहारा लोग हैं, जो विगत कई साल से ठेला खोमचा लगाकर अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। अब इनके ही क्षेत्र के रसूखदारों की शिकायत पर रेहड़ी पटरी वालों की दुकानें पुलिस के संरक्षण में हटा दी गई।
रिपोर्ट: राजकुमार गुप्ता…..
वाराणसी (राजातालाब): बढ़ती बेरोज़गारी के बावजूद राजातालाब के ठेला पटरी व्यवसायियों को उजाड़ा जा रहा हैं, कहते हैं कि ”जिसका कोई नही उसका खुदा होता है यारों” परंतु ऐसा लगता है कि राजातालाब हाईवे के किनारे रेहड़ी पटरी वाले। गरीबों के लिए खुदा भी नहीं है। राजमार्ग के ओवरब्रिज के नीचे और दोनों किनारे दुकानें लगाकर किसी तरह रोज़ी रोटी कमाने वाले सैकड़ों लोग सड़क पर आ गए हैं। इसके चलते ठेला-खोमचा और पटरी व्यवसायी बेहाल हैं, उनकी रोजी रोटी छिन गई है। कैसे परिवार का भरण पोषण करें, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यह तब है जब इनके आजीविका संरक्षण के लिए बक़ायदा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और स्ट्रीट वेंडर एक्ट केंद्र सरकार कानून पास कर चुकी है।
यहाँ के अमीरों के शान के लिए उजाड़ दिए गए गरीब मजलूम
राजातालाब हाईवे के किनारे ऐसे तमाम गरीब बेसहारा लोग हैं, जो विगत कई साल से ठेला खोमचा लगाकर अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। अब इनके ही क्षेत्र के रसूखदारों की शिकायत पर रेहड़ी पटरी वाले दुकानें पुलिस के संरक्षण में हटा दी गई। यह सब तब है जब ये सभी नियमित रूप से इन जगहों पर निवास तथा व्यापार करते आ रहे हैं। इन लोगों के नाम मतदान परिचयपत्र, बिजली व पानी का बिल तथा अन्य सरकारी देनदारी अदा करने की रसीदें भी हैं मगर रसूखदारो के इशारे पर प्रशासन ने किसी पर तवज्जो देना उचित नहीं समझा।
खता किसी की सजा किसी को
कुछ महिला व पुरूष वेंडरो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ माह पहले थाने के दरोग़ा जी मुफ़्त में जूस और फल मंगाते थे नही देने पर देख लेने की धमकी भी दिए थे, और कुछ दिन पहले क्षेत्र के एक रसूखदार की गाड़ी एक ठेले से टकरा गई थी। जिससे विवाद हो गया था। जब पुलिस हमारे दुकानों को उजाड़ रहे थे। तब हम सब ने पुलिस से पूछा कि हम लोगों का क्या कसूर है? इस पर उन्होंने बताया था कि हम क्या करेंगे। किसी ने ऊपर शिकायत की है। पीड़ितों का यह भी कहना था कि सैकड़ों नहीं हजारों लोग अतिक्रमण कर बड़ी-बड़ी दुकाने चला रहे हैं। यहीं कितने बड़े रसूख वाले लोग यहाँ के ला कालेज रोड, पंचक्रोशी मार्ग और सरकारी जमीन पर पक्का घर बना लिए हैं। यही नहीं हाईवे किनारे राजातालाब थाना होने के बावजूद थाने के एक किमी के अंदर धर्मशाला पर अवैध क़ब्ज़ा कर पुलिस चौकी बनाया गया है, उनको कोई कुछ नही कहता है। लेकिन हम गरीब लोग दुकान लगाकर आजीविका चलाते थे, तो हमें उजाड़ दिया गया है। क्या जिले में गरीबों के लिए अलग कानून है और अमीरो के लिए अलग। गरीबों को उजाड़ने वाले को हम गरीबो की आह जरूर लगेगी।
लड़ी जाएगी हक की लड़ाई
राजातालाब के ठेला पटरी व्यवसायियों दुकानदारों के साथ जो हुआ, उसकी स्थानीय सामाजिक संगठनों ने तब भी निंदा की थी। वे सब अब भी उन उजाड़े गए दुकानदारों के साथ खड़े हैं। यहाँ के ठेला पटरी व्यवसायियों की अगुवाई में यह लड़ाई लड़ी जाएगी। दुकानदार अपना हक लेकर रहेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने ठेला पटरी व्यवसायियों को उजाड़ने को गैर कानूनी बताया है। कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के आजीविका संरक्षण के आदेश और आजीविका संरक्षण फेरी नीति कानून का उल्लंघन है। यहां के ठेला फुटपाथ पटरी व्यवसायियों को बिना बसाए उजाड़ने को तुगलकी कार्रवाई बताते हुए 24 घंटे के अंदर पुनर्वासन और व्यवस्थापन की मांग की गई हैं। अन्यथा आंदोलन को बाध्य होंगे। और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सहित मानवाधिकार, एससीएसटी, महिला और बाल आयोग का दरवाज़ा खटखटाने की चेतावनी भी दी है।