VaranasiNews

PM Modi के संसदीय क्षेत्र में सपा कार्यकर्ताओं का अनोखा विरोध प्रदर्शन, खोली विकास की पोल

गड्ढे में बैठ सपा कार्यकर्ताओं ने किया अनोखा प्रदर्शन, बोले "यही है हमारी विकास यात्रा का असली चेहरा"

ख़बर भारत डेस्क

वाराणसी। एक सड़क पर बने गहरे गड्ढे में गिरने के बाद एक समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ता ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। अपनी चोट भुलाकर वह उसी गड्ढे में बैठ गया और हाथ में एक तख्ती लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगा। यह घटना वाराणसी के एक व्यस्त इलाके की है, जहां स्थानीय नागरिक लंबे समय से टूटी सड़कों और जलजमाव से परेशान हैं।

गड्ढे में बैठा और बोला — “यही है हमारी विकास यात्रा का असली चेहरा”

घटना के अनुसार, सपा कार्यकर्ता सुबह क्षेत्र में किसी राजनीतिक कार्य से जा रहा था, तभी रास्ते में मौजूद एक पुराने और पानी से भरे गड्ढे में गिर गया। गिरने से उसे मामूली चोटें आईं, लेकिन बजाय सीधे घर जाने या अस्पताल जाने के, वह वापस उसी गड्ढे में बैठ गया और एक प्लेकार्ड निकाला जिस पर लिखा था “इस गड्ढे में नहीं, सरकार की नीतियों में गिरा हूँ।”

स्थानीय लोगों ने किया समर्थन, बढ़ी भीड़-

उसका यह विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। थोड़ी ही देर में बड़ी संख्या में लोग वहां एकत्र हो गए। कुछ राहगीरों ने उसे पानी और प्राथमिक उपचार दिया, वहीं कई लोग वीडियो बनाने लगे और घटना को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।

प्रशासन पर निशाना — ‘गड्ढों से नहीं, ग़ैरज़िम्मेदारी से गिर रहे हैं लोग’

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता ने कहा,”ये सिर्फ मेरा नहीं, हजारों लोगों का दर्द है जो हर दिन इन सड़कों पर गिरते हैं। फर्क बस इतना है कि मैंने विरोध करने का तरीका चुना। ये गड्ढा नहीं, विकास की कहानी है।”

प्रशासन हरकत में, लेकिन जनता अब जागरूक

मौके पर पहुंची पुलिस और नगर निगम के अधिकारियों ने कार्यकर्ता को मनाकर गड्ढे से बाहर निकाला और भरोसा दिलाया कि सड़क की मरम्मत जल्द कराई जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना था कि ऐसे आश्वासन पहले भी मिल चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं होती।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ विरोध

इस घटना का वीडियो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर लोगों ने इसे “सत्य का गड्ढा सत्याग्रह” जैसे नाम दिए। कई यूजर्स ने इसे लोकतंत्र में जनसंवेदना और विरोध के प्रतीक के रूप में सराहा।

यह विरोध प्रदर्शन न केवल बनारस के सड़क की दुर्दशा को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब जनता के पास चुप रहने का विकल्प नहीं है। गड्ढे में बैठा एक कार्यकर्ता शायद प्रशासन को चुनौती दे गया, जिसकी सख्त जरूरत थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button