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यूपी के सभी 75 जिलों में सकुशल संपन्न हुई आरओ/एआरओ परीक्षा, प्रश्नपत्रों की गोपनीयता रही अभेद्य

– योगी सरकार और लोक सेवा आयोग की दिखी अभूतपूर्व व्यवस्था

– एआई, सीसीटीवी और बायोमेट्रिक सत्यापन से हुई नकलमुक्त परीक्षा

– 75 जनपदों के 2382 केंद्रों पर 10.76 लाख पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 4,54,997 ने दी परीक्षा

– एसटीएफ, पुलिस और तकनीकी निगरानी ने सुनिश्चित की पारदर्शिता, नहीं सामने आई कहीं कोई अनियमितता

– नकल माफिया पर कड़ा पहरा, सख्त निगरानी में रही पुराने आरोपियों की गतिविधियां

– प्रश्नपत्रों की गोपनीयता रही फूलप्रूफ, रैंडमाइजेशन और सीसीटीवी से कड़ी निगरानी

– बायोमेट्रिक और फेस रिकग्निशन से मिला प्रवेश, डबल लेयर फ्रिस्किंग ने रोकी निषिद्ध सामग्री

– परीक्षा की निष्पक्षता और शुचिता को लेकर अभ्यर्थियों ने की योगी सरकार और आयोग की सराहना

 

लखनऊ, 27 जुलाई। यूपी लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 रविवार को प्रदेशभर के 75 जिलों में शुचितापूर्ण, नकलमुक्त और पारदर्शी ढंग से संपन्न हुई, जिसमें पंजीकृत 10.76 लाख में से 4.54 लाख (42.29%) अभ्यर्थी सम्मिलित हुए। परीक्षा में एआई आधारित निगरानी, सीसीटीवी स्ट्रीमिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन जैसी आधुनिक तकनीकों से नकल माफिया पर लगाम कसने में सफलता मिली। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता से लेकर अभ्यर्थियों की पहचान तक हर पहलू पर सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व रही। अभ्यर्थियों ने भी व्यवस्था को पारदर्शी व निष्पक्ष बताया।

10.76 लाख में से केवल 42.29% हुए शामिल

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा-2023 रविवार को एक ही पाली में सकुशल संपन्न हुई। कुल 10,76,004 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 4,54,997 यानी 42.29% ही परीक्षा में शामिल हुए। प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी जैसे बड़े शहरों में अच्छी उपस्थिति दर्ज की गई।

अयोध्या में सबसे अधिक, रामपुर में सबसे कम उपस्थिति

परीक्षा में अयोध्या जिले में सर्वाधिक 52.81% और रामपुर में सबसे कम 25.78% उपस्थिति रही। लखनऊ (48.89%), प्रयागराज (47.61%), वाराणसी (49.19%) में औसत से अधिक उपस्थिति दर्ज हुई।

एआई आधारित सुरक्षा से नकलमुक्त परीक्षा

योगी सरकार की विशेष निगरानी व्यवस्था, जिसमें एआई आधारित अलर्ट सिस्टम, लाइव सीसीटीवी निगरानी और बायोमेट्रिक सत्यापन शामिल रहा, ने परीक्षा को पूरी तरह पारदर्शी बनाया। एसटीएफ की कड़ी निगरानी में नकल माफिया निष्क्रिय रहा।

प्रश्नपत्रों की गोपनीयता रही अभेद्य

प्रश्नपत्रों को दो मुद्रकों से तैयार कर आठ सीरीज में बांटा गया था, जिसमें यूनिक बारकोड और कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन के जरिए अंतिम चयन परीक्षा से 45 मिनट पहले किया गया। मल्टी लेयर पैकिंग व त्रिस्तरीय लॉक से गोपनीयता बनाए रखी गई।

बायोमेट्रिक, फेस रिकग्निशन व डबल चेकिंग व्यवस्था

अभ्यर्थियों के प्रवेश के लिए बायोमेट्रिक व फेस रिकग्निशन तकनीक अपनाई गई। डबल लेयर फ्रिस्किंग और ओटीआर आधारित सत्यापन से निषिद्ध वस्तुओं की एंट्री रोकी गई। ई-एडमिट कार्ड भी डिजिटल रूप से सत्यापित हुए।

हर केंद्र पर मजिस्ट्रेट, प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती

हर केंद्र पर सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट और प्रशिक्षित पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे। इनमें से 50% पर्यवेक्षक जिला प्रशासन और 50% केंद्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त थे। निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम दिनभर सक्रिय रही।

परीक्षा की निष्पक्षता पर अभ्यर्थियों की मुहर

प्रयागराज से परीक्षा देकर लौटे नीरज चंद्रा और सचिन माथुर सहित अन्य अभ्यर्थियों ने व्यवस्था की सराहना की। बायोमेट्रिक, आई स्कैन, सीसीटीवी जैसी तकनीकी व्यवस्था को उन्होंने निष्पक्ष परीक्षा की गारंटी बताया।

योगी सरकार की परीक्षा प्रणाली को नई मजबूती

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों पर परीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में यह परीक्षा एक मील का पत्थर साबित हुई। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुरक्षा के नए मानक स्थापित हुए हैं।

 

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